भारत में त्योहारों का मौसम सिर्फ खुशियों का नहीं, बल्कि खरीदारी और आर्थिक गतिविधियों का सबसे बड़ा सीजन भी होता है। इस साल भी जैसे ही नवरात्रि, दशहरा और दिवाली का समय आया, ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर खरीदारी के नए रिकॉर्ड टूट गए। Flipkart, Amazon, Meesho और JioMart जैसे ई-कॉमर्स दिग्गजों ने इस सीजन में पिछले साल की तुलना में 25% से अधिक बिक्री वृद्धि दर्ज की है।
क्यों बढ़ी इतनी ज्यादा ऑनलाइन बिक्री?
त्योहारों के दौरान भारतीय उपभोक्ता डिस्काउंट, ऑफर और कैशबैक का भरपूर लाभ उठाते हैं। इस बार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने “Big Billion Days”, “Great Indian Festival” जैसे मेगा सेल इवेंट्स चलाए, जिससे लाखों ग्राहकों ने एक साथ शॉपिंग की।
कुछ प्रमुख कारण जो इस बूम के पीछे रहे:
भारी डिस्काउंट और ऑफर: 60% तक के ऑफर और बैंक कैशबैक ने ग्राहकों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की ओर आकर्षित किया।
तेज़ डिलीवरी और रिटर्न पॉलिसी: अब देश के छोटे शहरों तक भी 1-2 दिन में डिलीवरी संभव हो गई है।
UPI और डिजिटल पेमेंट की सुविधा:
डिजिटल ट्रांजैक्शन ने पेमेंट प्रक्रिया को बेहद आसान और सुरक्षित बना दिया है। सस्ती EMI और Buy Now Pay Later विकल्प: महंगे प्रोडक्ट्स जैसे मोबाइल, टीवी या फर्नीचर अब हर बजट में फिट हो रहे हैं।
किस कैटेगरी में सबसे ज्यादा बिक्री हुई?
त्योहारों में सबसे ज्यादा बिक्री मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और होम डेकोर कैटेगरी में हुई।
स्मार्टफोन: iPhone 15, Samsung Galaxy और OnePlus जैसे प्रीमियम मॉडल्स ने रिकॉर्ड तोड़े।
फैशन: उत्सव के मौसम में एथनिक वियर और ज्वेलरी की मांग में 40% की बढ़ोतरी।
होम अप्लायंसेज़: वॉशिंग मशीन, टीवी और किचन उपकरणों की बिक्री में 35% की वृद्धि।
छोटे विक्रेताओं और स्टार्टअप्स को भी फायदा
त्योहारों के इस डिजिटल बूम से सिर्फ बड़ी कंपनियाँ ही नहीं, बल्कि छोटे व्यापारियों और लोकल ब्रांड्स को भी बड़ा फायदा हुआ है। Meesho और JioMart जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लाखों छोटे विक्रेताओं ने इस सीजन में अपने प्रोडक्ट्स की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की। कई MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) ने बताया कि उनका त्योहारी राजस्व 3 गुना तक बढ़ा है।
ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए क्या मायने रखता है यह बूम?
यह बूम सिर्फ एक सेल नहीं, बल्कि भारत में ऑनलाइन शॉपिंग संस्कृति की मजबूती का संकेत है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2026 तक भारत का ई-कॉमर्स मार्केट $200 बिलियन का आंकड़ा पार कर सकता है।
यह विकास तीन प्रमुख ट्रेंड्स पर आधारित है:
- मोबाइल-फर्स्ट शॉपिंग अनुभव
- स्मार्ट लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी नेटवर्क
- AI और डेटा एनालिटिक्स आधारित पर्सनलाइजेशन
उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव
अब उपभोक्ता सिर्फ कम दाम नहीं, बल्कि क्वालिटी, रिव्यू और डिलीवरी अनुभव पर भी ध्यान देने लगे हैं। ग्रामीण और टियर-2 शहरों में भी इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच ने ऑनलाइन खरीदारी की आदत को तेज़ी से बढ़ाया है।