ऑस्ट्रेलिया में टेक दिग्गज Microsoft के खिलाफ एक बड़ा कानूनी मामला दर्ज किया गया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने AI आधारित सॉफ्टवेयर ‘Copilot’ की कीमत और फीचर्स को लेकर ग्राहकों को भ्रमित (mislead) किया।यह मुकदमा ऑस्ट्रेलियन कंपटीशन एंड कंज्यूमर कमीशन (ACCC) द्वारा दायर किया गया है, जो देश में उपभोक्ता अधिकारों की निगरानी करता है। ACCC का कहना है कि Microsoft ने Copilot के मूल्य निर्धारण और सेवा उपलब्धता को लेकर कई बार गलत या अधूरी जानकारी दी, जिससे ग्राहकों को नुकसान हुआ।
क्या है पूरा मामला?
Microsoft ने 2024 में अपने लोकप्रिय AI टूल “Copilot for Microsoft 365” को लॉन्च किया था, जो Word, Excel, PowerPoint और अन्य एप्लिकेशनों में AI की मदद से काम आसान बनाता है। कंपनी ने विज्ञापनों और प्रेस रिलीज़ में कहा था कि Copilot सभी सब्सक्रिप्शन यूज़र्स के लिए समान रूप से उपलब्ध होगा। लेकिन ACCC की जांच में सामने आया कि कुछ ग्राहकों से अलग-अलग कीमतें वसूली गईं, जबकि कुछ को बताया गया फीचर वास्तव में उपलब्ध ही नहीं था। कई उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की कि उन्हें AI फीचर एक्टिवेट करने के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा, जबकि विज्ञापनों में इसे शामिल बताया गया था।
ग्राहकों को आर्थिक नुकसान
ऑस्ट्रेलियाई उपभोक्ताओं ने बताया कि Microsoft Copilot का मासिक प्लान 15 से 30 ऑस्ट्रेलियन डॉलर तक बताया गया था, लेकिन बिल में उनसे अतिरिक्त सर्विस चार्ज और टैक्स वसूला गया। कई कंपनियों ने दावा किया कि उन्होंने बड़ी संख्या में लाइसेंस खरीदे, लेकिन कर्मचारियों को AI फीचर की सीमित पहुंच दी गई।
ACCC की चेयरपर्सन जिना केसलर ने कहा:
“Microsoft जैसी कंपनियों पर उपभोक्ताओं को पारदर्शी जानकारी देने की जिम्मेदारी होती है। Copilot की गलत प्रस्तुति उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है।”
Microsoft की प्रतिक्रिया
Microsoft ने अपने बयान में कहा है कि वह ACCC के साथ सहयोग करने को तैयार है और किसी भी भ्रम के लिए खेद जताया है। कंपनी ने यह भी कहा कि “Copilot एक लगातार विकसित हो रहा AI प्लेटफॉर्म है, और कीमतों में परिवर्तन सेवा अपग्रेड के आधार पर किया गया।” हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि Microsoft दोषी पाया जाता है, तो उसे मिलियन डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है और ग्राहकों को रिफंड देने के आदेश भी दिए जा सकते हैं।
वैश्विक स्तर पर बढ़ रही AI पारदर्शिता की मांग
यह पहला मौका नहीं है जब किसी टेक कंपनी पर AI फीचर्स की गलत जानकारी देने का आरोप लगा हो। इससे पहले, अमेरिका और यूरोप में भी कई उपभोक्ता संगठनों ने AI टूल्स की पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। ऑस्ट्रेलिया की यह कार्रवाई अब अन्य देशों को भी AI सेवाओं की कीमत और फीचर पारदर्शिता पर सख्ती बरतने के लिए प्रेरित कर सकती है।
ग्राहकों के लिए क्या मायने रखता है यह मामला?
AI आधारित सेवाएँ जैसे Copilot, ChatGPT, और Google Gemini अब रोज़मर्रा के डिजिटल टूल्स का हिस्सा बन चुकी हैं। ऐसे में कंपनियों द्वारा दी जाने वाली जानकारी की सटीकता और पारदर्शिता बेहद ज़रूरी है।कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस केस का नतीजा भविष्य में यह तय करेगा कि AI सॉफ्टवेयर कंपनियों को उपभोक्ता अधिकारों के तहत कितना जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
आगे की कार्रवाई
ACCC ने बताया कि आने वाले हफ्तों में कोर्ट में Microsoft के खिलाफ प्रारंभिक सुनवाई होगी। यदि अदालत ने कंपनी को दोषी पाया, तो यह मामला ऑस्ट्रेलिया के डिजिटल मार्केट कानून में एक ऐतिहासिक फैसला बन सकता है।








