भारत और अमेरिका के बीच तकनीकी निवेश और व्यापारिक सहयोग में नई ऊर्जा देखने को मिल रही है। दोनों देशों की सरकारें और प्राइवेट सेक्टर मिलकर AI, सेमीकंडक्टर, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सहयोग न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को गति देगा, बल्कि वैश्विक टेक परिदृश्य में भारत की भूमिका को भी मजबूत करेगा।
नई साझेदारी: डिजिटल भविष्य की ओर कदम
हाल ही में हुई यूएस-इंडिया टेक्नोलॉजी फोरम मीटिंग में दोनों देशों ने साझा नवाचार (Co-Innovation) को बढ़ावा देने पर सहमति जताई। अमेरिका की कई प्रमुख कंपनियां जैसे Google, Microsoft, Qualcomm और Intel भारत में अपने R&D (अनुसंधान एवं विकास) केंद्रों के विस्तार की योजना बना रही हैं। वहीं भारत ने डिजिटल इंडिया 2.0 और मेक इन इंडिया फॉर सेमीकंडक्टर जैसी नीतियों के ज़रिए निवेशकों के लिए आकर्षक माहौल तैयार किया है। “अमेरिका और भारत के बीच टेक्नोलॉजी सहयोग 21वीं सदी की वैश्विक साझेदारी का सबसे मजबूत स्तंभ बनेगा।”
— जॉन किर्बी, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद
AI और साइबर सुरक्षा में साझा दृष्टिकोण
दोनों देशों ने AI नीतियों, डेटा गोपनीयता, साइबर अपराध रोकथाम और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में साझा शोध और प्रशिक्षण पर सहमति जताई है। भारत में AI-Startup Fund की स्थापना में अमेरिकी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है, जिससे हजारों युवाओं को नए रोजगार अवसर मिलेंगे।
व्यापारिक निवेश में उछाल की उम्मीद
टेक सेक्टर में निवेश को लेकर 2025-26 में $20 बिलियन से अधिक के द्विपक्षीय सौदों की संभावना जताई जा रही है।इस सहयोग से भारत को 5G, क्लाउड कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर निर्माण जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण बढ़त मिलेगी।
वैश्विक प्रभाव और रणनीतिक महत्व
अमेरिका भारत को न केवल एक बड़े उपभोक्ता बाजार के रूप में देख रहा है, बल्कि एक रणनीतिक टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में भी पहचान दे रहा है। यह साझेदारी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तकनीकी स्थिरता और सप्लाई चेन डाइवर्सिफिकेशन के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
मुख्य बिंदु:
- भारत-अमेरिका में तकनीकी निवेश और सहयोग बढ़ा
- AI, साइबर सुरक्षा और सेमीकंडक्टर मुख्य केंद्र
- 2025-26 तक $20 बिलियन निवेश की संभावना
- डिजिटल इंडिया 2.0 के तहत विदेशी कंपनियों का बढ़ता आकर्षण
- वैश्विक टेक परिदृश्य में भारत की भूमिका और मज़बूत होगी

 
                                    







