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Friday, October 31, 2025

छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के लिए e-KYC अनिवार्य की — धान खरीदी से पहले यूनिक आईडी अपडेट करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तय

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छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सभी पंजीकृत किसानों के लिए e-KYC अनिवार्य कर दी है। राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने स्पष्ट किया है कि 31 अक्टूबर 2025 तक सभी किसानों को अपनी यूनिक आईडी (Unique ID) और e-KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यह नियम विशेष रूप से धान खरीदी सीजन 2025–26 से पहले लागू किया गया है, ताकि खरीदी व्यवस्था पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बन सके।

धान खरीदी से पहले e-KYC क्यों जरूरी है

राज्य सरकार के अनुसार, बीते कुछ वर्षों में धान खरीदी के दौरान फर्जी पंजीकरण, डुप्लिकेट खातों और कालाबाजारी के मामलों में वृद्धि देखी गई थी। इन अनियमितताओं को रोकने और किसानों को उनका वास्तविक लाभ दिलाने के लिए अब हर किसान की पहचान e-KYC के माध्यम से डिजिटल रूप से सत्यापित की जाएगी।

खाद्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “इस बार धान खरीदी के लिए केवल उन्हीं किसानों को अनुमति मिलेगी जिन्होंने e-KYC और यूनिक आईडी सत्यापन प्रक्रिया पूरी की है। यह कदम सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।”

किसानों को क्या करना होगा

सरकार ने किसानों के लिए e-KYC प्रक्रिया को बेहद सरल बनाया है। किसान अपने जिले के सहकारी समितियों, ग्राम पंचायत, CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) या ऑनलाइन पोर्टल (https://kisan.cgstate.gov.in) के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में किसान को केवल निम्न दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:

  • आधार कार्ड नंबर
  • बैंक खाता विवरण
  • मोबाइल नंबर (आधार से लिंक)

सत्यापन के बाद किसान की यूनिक आईडी को डेटाबेस में अपडेट किया जाएगा, जो धान खरीदी पोर्टल से स्वतः लिंक होगी।

समय पर सत्यापन न करने पर नुकसान

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि 31 अक्टूबर 2025 के बाद जिन किसानों की e-KYC पूरी नहीं होगी, “उनका पंजीकरण इस खरीदी वर्ष में निष्क्रिय कर दिया जाएगा।” इसका अर्थ है कि ऐसे किसान धान बेचने या समर्थन मूल्य का लाभ लेने से वंचित रह सकते हैं। सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे “अंतिम तिथि का इंतजार न करें और जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करें।”

कृषि विभाग की तैयारी

छत्तीसगढ़ कृषि विभाग ने पूरे राज्य में सहायता शिविर और मोबाइल वेरिफिकेशन यूनिट्स शुरू की हैं। हर ब्लॉक स्तर पर अधिकारी किसानों को जागरूक करने और तकनीकी सहायता प्रदान करने में लगे हैं। इस बार सरकार ने किसान यूनिक आईडी प्रोजेक्ट को डिजिटल इंडिया अभियान से जोड़ा है, जिससे भविष्य में सभी कृषि योजनाओं और सब्सिडी के भुगतान को एक ही प्लेटफॉर्म से प्रबंधित किया जा सकेगा।

सरकार का उद्देश्य: पारदर्शी और डिजिटल खरीदी व्यवस्था

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा,

“हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि एक-एक दाना सही किसान से ही खरीदा जाए। e-KYC के माध्यम से किसानों को सीधे लाभ पहुंचाया जाएगा और किसी भी तरह की धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में इसी यूनिक आईडी को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि ऋण, और बीमा योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा, ताकि किसानों को हर लाभ एक क्लिक में मिल सके।

किसानों की प्रतिक्रिया

कई किसानों ने इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि इससे खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। हालांकि कुछ ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क और तकनीकी सहायता की कमी को लेकर चिंता जताई गई है। राज्य सरकार ने बताया है कि तकनीकी समस्याओं को हल करने के लिए ब्लॉक स्तर पर “सहायता केंद्र” बनाए गए हैं।

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