भारत ने प्रोजेक्ट के-5 स्टेज-2 रॉकेट मोटर का सफलतापूर्वक स्थैतिक परीक्षण किया है। यह देश की अगली पीढ़ी की पनडुब्बी-प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) क्षमता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इस सफलता के बाद, भारत अब K-5 पनडुब्बी से मिसाइल परीक्षण की तैयारी करेगा।
रक्षा क्षेत्र में भारत एक और बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है। दरअसल, भारत ने प्रोजेक्ट के-5 स्टेज-2 रॉकेट मोटर का स्टैटिक टेस्टिंग सफलतापूर्वक करने के बाद अब भारत K-5 बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण की तैयारी में जुट गया है। अगर, यहां सफलता मिलती है तो दुश्मनों के बुरे दिन शुरू हो जाएंगे। इस बैलिस्टिक मिसाइल की अनुमानित मारक क्षमता लगभग 5000 किलोमीटर तक है। दुश्मन को पता भी नहीं चलेगा और उसपर पनडुब्बी के जरिए मिसाइल से हमला हो जाएगा। इसका निर्माण भारतीय रक्षा एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया जा रहा है।
इस स्टेज-2 मोटर का परीक्षण 12 सितंबर, 2025 को नासिक स्थित एडवांस्ड सेंटर फॉर एनर्जेटिक मैटेरियल्स (एसीईएम) में किया गया, जिससे गहरे समुद्र में प्रमुख प्रणोदन प्रणालियों के प्रदर्शन की पुष्टि हुई। बता दें कि प्रणोदक एक ऐसा पदार्थ है जिसे किसी वस्तु को गति प्रदान करने के लिए बलपूर्वक बाहर निकाला या विस्तारित किया जाता है।
भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से मिलने वाली धमकियों का सामना करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलें एक मजबूत ‘सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी’ प्रदान करती हैं। यह क्षमता भारत को किसी भी हमले की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने का भरोसा देती है।
क्या है रॉकेट मोटर की खासियत
एक रॉकेट मोटर को खास तौर पर तैयार किया गया है। इसकी लंबाई 2,680 मिमी और व्यास 2,490 मिमी है। यह मोटर एक खास तरह के प्रणोदक (propellant) का इस्तेमाल करती है, जिसे एचडी 1.3 कंपोजिट प्रणोदक कहते हैं। यह प्रणोदक काफी शक्तिशाली होती है। इस खास बनावट से रॉकेट मोटर की दहन दक्षता को बेहतर बनाया गया है।
K-5 बैलिस्टिक मिसाइल
K-5 मिसाइल, जिसे ‘सागरिका’ और ‘K-4’ जैसी मिसाइलों के बाद सबसे शक्तिशाली माना जा रहा है, अब भारत की परमाणु रणनीति का अहम हिस्सा बन गई है। यह मिसाइल 5000 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इससे भारत चीन के बड़े शहरों और महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बना सकेगा। यह भारत की रक्षा शक्ति को कई गुना बढ़ा देता है। K-5 मिसाइल गुप्त और घातक हमले करने की क्षमता प्रदान करती है। यह मिसाइल ऐसी क्षमताएं देती है जो छुपे हुए और खतरनाक हमले कर सकती हैं। समुद्र में छिपे दुश्मन को हवा तक भी नहीं लगेगा कि हमला कहां से हुआ।








