चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित श्रीलंका की सहायता के लिए भारत ने एक बार फिर ‘पड़ोसी पहले’ की नीति को सार्थक करते हुए महत्वपूर्ण राहत सामग्री भेजी है। भारतीय नौसेना और विदेश मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों के तहत सचल पुल प्रणाली (Mobile Bridge Systems) और अत्याधुनिक जलशोधन इकाइयां श्रीलंका रवाना की गई हैं, ताकि राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जा सके।
रिपोर्टों के अनुसार, चक्रवात से श्रीलंका के कई तटीय और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संपर्क पूरी तरह बाधित हो गया था। इसके चलते राहत दलों को प्रभावित इलाकों तक पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। भारत द्वारा भेजी गई सचल पुल प्रणाली इन क्षेत्रों में अस्थायी मार्ग बनाने में मदद करेगी, जिससे बचाव कार्यों को गति मिलेगी। इसके साथ भेजी गई जलशोधन इकाइयां स्वच्छ पेयजल की भारी कमी से जूझ रहे लोगों के लिए जीवनरक्षक साबित होंगी।
भारतीय उच्चायोग ने बताया कि संकट की इस घड़ी में भारत श्रीलंका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। वहीं श्रीलंकाई प्रशासन ने भारत का आभार जताते हुए कहा कि यह सहायता उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इससे प्रभावित लोगों की स्थिति सुधारने में बड़ी मदद मिलेगी। भारत की यह मानवीय सहायता न सिर्फ दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करती है, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग और आपदा प्रबंधन में उसकी अग्रणी भूमिका को भी दर्शाती है।








