हार्मोन्स हमारे शरीर के लिए मैसेंजर की तरह काम करते हैं। ये शरीर के अलग-अलग फंक्शन्स, जैसे- मेटाबॉलिज्म, मूड, फर्टिलिटी, नींद और वजन को नियंत्रित करते हैं। महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस का खतरा ज्यादा रहता है, जिसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं। हार्मोनल असंतुलन होने पर थकान, तनाव, वजन बढ़ना, मुंहासे और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन कुछ नेचुरल तरीकों से हार्मोन्स को संतुलित किया जा सकता है। आइए जानते हैं इन 8 आसान तरीकों के बारे में।
हेल्दी डाइट लें
हार्मोनल बैलेंस के लिए पोषण सबसे जरूरी है। प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट लेना चाहिए। ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे मछली, अलसी के बीज) और विटामिन-डी हार्मोन्स को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। प्रोसेस्ड फूड और शुगर से दूर रहें, क्योंकि ये इंसुलिन लेवल को बिगाड़ सकते हैं।
तनाव कम करें
स्ट्रेस कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे अन्य हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। योग, मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और पूरी नींद लेकर तनाव को कम किया जा सकता है। इससे शरीर को हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद मिलती है।
नियमित एक्सरसाइज करें
फिजिकल एक्टिविटी हार्मोन्स को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाती है। वॉकिंग, जॉगिंग, योग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसी एक्सरसाइज इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाते हैं और स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल को कम करते हैं। हालांकि, ज्यादा एक्सरसाइज करना भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, इसलिए संतुलन बनाए रखें।
पूरी नींद लें
नींद की कमी हार्मोनल असंतुलन का एक अहम कारण है। नींद के दौरान शरीर हार्मोन्स को रिपेयर और रेगुलेट करता है। 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना जरूरी है। सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें, क्योंकि इससे मेलाटोनिन हार्मोन प्रभावित होता है।
हेल्दी फैट्स खाएं
हेल्दी फैट्स जैसे एवोकाडो, नट्स, ऑलिव ऑयल और कोकोनट ऑयल हार्मोन्स के प्रोडक्शन में मदद करते हैं। ये फैट्स कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करते हैं, जो हार्मोन्स बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ये इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी बढ़ाते हैं।
शुगर और रिफाइंड कार्ब्स से बचें
ज्यादा शुगर और रिफाइंड कार्ब्स खाने से इंसुलिन लेवल बढ़ता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। इसके बजाय, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड आइटम्स, जैसे- साबुत अनाज, दालें और हरी सब्जियां खाएं।
हर्बल चाय और सप्लीमेंट्स
कुछ हर्बल टी जैसे ग्रीन टी और अश्वगंधा चाय हार्मोनल बैलेंस को सुधारने में मदद करती हैं। अश्वगंधा, मैका रूट और शतावरी जैसे हर्बल सप्लीमेंट्स भी हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद करते हैं। हालांकि, इनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
केमिकल्स से बचें
रोजमर्रा की जिंदगी में हम कई केमिकल्स के कॉन्टेक्ट में आते हैं, जैसे प्लास्टिक, पेस्टीसाइड्स और ब्यूटी प्रोडक्ट्स। ये केमिकल्स एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं। बीपीए-फ्री प्लास्टिक और प्राकृतिक उत्पादों का इस्तेमाल करके इनसे बचा जा सकता है।