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आखिर बर्बरीक कैसे बने खाटू श्याम, जानें कब मनाया जाता है हारे के सहारे का जन्मदिन?

देशभर में खाटू श्याम को समर्पित कई मंदिर हैं जिनमें रोजाना हारे के सहारे की विशेष पूजा-अर्चना होती है। खाटू श्याम  के इन्हीं मंदिरों में राजस्थान के सीकर जिले का मंदिर भी शामिल है। यहां भक्तों की अधिक भीड़ होती और किसी खास अवसर पर खाटू नगरी में भव्य नजारा देखने को मिलता है।

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  1. खाटू श्याम का मंदिर सीकर में है।
  2. इन्हें हारे के सहारे के नाम से जाना जाता है।
  3. प्रभु को गुलाब का फूल और इत्र अर्पित किया जाता है।

वर्तमान में लोगों के बीच खाटू श्याम को लेकर गहरी आस्था है। भगवान श्रीकृष्ण का कलयुगी अवतार खाटू श्याम को माना जाता है। प्रभु के भक्त देश-विदेश के कोने-कोने में मौजूद हैं। खाटू श्याम को समर्पित मंदिर राजस्थान के सीकर में स्थित है। धार्मिक मान्यता है कि इस मंदिर में खाटू श्याम के दर्शन और पूजा-अर्चना करने से जातक के बिगड़े काम पूरे होते है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हर साल कार्तिक माह में खाटू श्याम  के अवतरण दिवस (जन्मदिन) को बहुत उत्साह के साथ मनाया मनाया जाता है। इस खास अवसर पर मंदिर को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया जाता है और इस दौरान श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ होती है। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे कि कब मनाया जाएगा हारे का सहारे का अवतरण दिवस। साथ ही जानेंगे कि बर्बरीक कैसे बने खाटू श्याम?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को का अवतरण दिवस मनाया जाता है। इस एकादशी को देव उठनी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी 12 नवंबर 2024 को है। वहीं, कुछ मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर खाटू श्याम जन्मदिन मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन खाटू श्याम को भगवान श्रीकृष्ण ने श्याम अवतार होने का वरदान दिया था।

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