21.1 C
Raipur
Friday, November 22, 2024

आखिर इतना क्यों पसंद है बप्पा को मोदक? जाने क्या है इसके पीछे की कहानी…

Must read

गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश की पूजा का प्रमुख अवसर होता है, और इस दौरान मोदक का विशेष महत्व होता है. मोदक भगवान गणेश को बेहद प्रिय है और इसे इस त्योहार के प्रमुख प्रसाद के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. आइए जानते हैं कि मोदक भगवान गणेश को क्यों प्रिय है.

हिंदू पुराणों के अनुसार, यह मिठाई भगवान गणेश को अति प्रिय है. पुराणों के अनुसार, देवी अनुसूया ने भगवान शिव को परिवार सहित अपने यहां खाने पर बुलाया था. इस निमंत्रण में भगवान शिव परिवार के साथ पहुंचे. देवी अनुसूया ने सभी से आग्रह किया कि जब गणपति बप्पा अपना खाना समाप्त करें, तभी सब भोज पर बैठें. लेकिन छोटे से गणपति बार-बार खाना मंगवाते रहे. यह देख मां पार्वती ने खाने के बाद उन्हें एक मोदक दिया, जिसे खाते ही गणपति बप्पा ने लंबी-सी डकार ली. इतना ही नहीं, भगवान शिव ने भी इसके बाद 21 बार डकार ली. मां पार्वती ने देवी अनुसूया से आग्रह किया कि अब वह अपने बाकी मेहमानों को भोज के लिए बैठा सकती हैं, क्योंकि गणेश जी तृप्त हो चुके हैं.

देवी अनुसूया यह देख हैरान हुई और उन्होंने इसकी विधि मां पार्वती से मांगी. इसके बाद, पार्वती जी ने अनुरोध किया कि उनके पुत्र के सभी भक्त उन्हें इक्कीस मोदक अर्पित करें, करेंगे तो भगवान खुश होंगे और उनकी मनोकामना पूरी होगी. इसलिए, गणेश चतुर्थी पर मोदक का महत्व सिर्फ एक मिठाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा, आस्था और परंपरा का प्रतीक भी है.

मोदक की मिठास और सादगी भगवान गणेश की सरलता और पवित्रता का प्रतीक हैं. यह मिठाई दैवीय ऊर्जा और खुशी का प्रतीक होती है, जो गणेश जी की पूजा के साथ जुड़ी हुई है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मोदक को भगवान गणेश ने अपनी माता पार्वती से ग्रहण किया था. यह मिठाई भगवान गणेश की पसंदीदा होने के कारण भक्तों द्वारा चढ़ाई जाती है, जिससे वे अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.मोदक के अंदर भरा गया नारियल और गुड़ सेहत के लिए लाभकारी होता है. नारियल का उपयोग शक्ति और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए किया जाता है, और गुड़ शरीर को गर्मी प्रदान करता है, जिससे विशेष अवसर पर इसका महत्व और बढ़ जाता है.

मोदक बनाने की प्रक्रिया में कई लोगों का साथ मिलता है, जिससे परिवार और समुदाय के बीच सहयोग और एकता बढ़ती है. यह त्योहार का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो सामाजिक संबंधों को मजबूत करता है.

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article