लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी इस वक्त अपने सदस्यता अभियान को लेकर जी ज-जान से जुटी हुई है. इसके पीछे पार्टी को मजबूत करना तो एक लक्ष्य है ही, साथ ही उन नेताओं का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार करने के उद्देश्य से पार्टी सदस्यता अभियान पर नजर जमाए बैठी है. उत्तर प्रदेश भाजपा में सब कुछ ठीक है ऐसा कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन पार्टी अब उन नेताओं की फेहरिस्त भी तैयार कर रही है जो कि लोकसभा चुनाव में तटस्थ थे या पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे. या फिर अपनी सोशल मीडिया या बयानों से पार्टी का नुकसान पहुंचाए हैं. उनकी लिस्टिंग भी की जा रही है. ऐसे में सदस्यता अभियान के तुरंत बाद ही इन नेताओं पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.
भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह के मुताबिक सदस्यता अभियान का द्वितीय चरण अक्टूबर महीने में शुरू होगा. जिसके साथ ही तमाम जिलों के संगठन में बदलाव किया जा सकता है. लल्लूराम डॉटकॉम को मिले इनपुट में तकरीबन 58 जिलों का नाम सामने आया है जहां पर पार्टी को लोकसभा में उम्मीद की अपेक्षा कम सीट मिली है. इसके अलावा दो कार्यकाल पूर्ण करने वाले जिलाध्यक्षो और संगठन के अन्य पदाधिकारियों पर भी ये बदलाव देखने को मिल सकता है. पार्टी में मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक बदलाव होने की उम्मीद है.
भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में पिछले लोकसभा चुनाव में 64 सीट मिली थी. लेकिन 2024 में प्रदेश से महज 33 सांसद ही जीतकर आए. जिसका नतीजा ये हुआ कि भाजपा को अपने सहयोगियों की बैसाखी पर सवार होकर सरकार बनाने को मजबूर होना पड़ा है. इसी से सबक लेकर पार्टी अब युवाओं और जिले स्तर के मजबूत नेताओ पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
धर्मपाल सिंह भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री है, उन्होंने स्पष्ट और दो टूक कहा है कि रिपोर्ट में जो भी नेता या कार्यकर्ता पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाएगा उसपर भाजपा संगठन अनुसाशन की कार्रवाई करेगी.