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Thursday, December 5, 2024

वायु प्रदूषण बन सकता है दिल के मरीजों के लिए काल बचाव के लिए जरूर रखें इन बातों का ध्यान

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एनसीआर के इलाकों की वायु प्रदूषण के कारण हालत खस्ता हो चुकी है। AQI का स्तर 500 पार चुका है, जो आपको बता दें बेहद खतरनाक होता है। जहरीली हो चुकी हवा के कारण लोगों का सांस लेना दुश्वार हो चुका है। आंखों में जलन, गले में खराश, खांसी ये सभी प्रदूषण के आम साइड इफेक्ट्स हैं, जो कई लोगों में देखने को मिल रहे हैं, लेकिन जो व्यक्ति पहले से बीमार हैं या किसी क्रॉनिक डिजीज से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह स्थिति और भी खतरनाक साबित हो सकती है।

हाल ही में एक स्टडी में यह सामने आया है कि वायु प्रदूषण के कारण दिल के मरीजों में इंफ्लेमेशन यानी सूजन बढ़ने का खतरा रहता है, जो इस हार्ट कंडीशन को और बिगाड़ सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे वायु प्रदूषण दिल को नुकसान पहुंचा सकता है और इस समय कैसे हार्ट हेल्थ का ख्याल रखें।

वायु प्रदूषण हवा में 2.5 PM और अन्य हानिकारक गैस व केमिकल की वजह से होता है। इनके छोटे-छोटे कण आसानी से सांस के जरिए हमारे ब्लड में प्रवेश कर सकता है और शरीर के किसी भी हिस्से तक पहुंच भी सकता है। इसलिए प्रदूषण की वजह से दिल को भी नुकसान हो सकता है। ये कण ब्लड वेसल्स को संकरा कर देते हैं, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं और दिल की मांसपेशियों को कमजोर बना सकते हैं। इसके कारण हार्ट डिजीज, जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।

  • ब्लड वेसल्स को नुकसान- वायु प्रदूषण के पार्टिकल्स ब्लड वेसल्स की दीवारों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे सूजन हो सकती है और ये वेसल्स सख्त होने लगते हैं। यह ब्लड सर्कुलेशन को बाधित करता है और दिल पर एक्सट्रा दबाव डालता है।
  • ब्लड प्रेशर बढ़ता है- वायु प्रदूषण ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, जो दिल की बीमारियों का एक अहम रिस्क फैक्टर है। हाई ब्लड प्रेशर दिल की मांसपेशियों को कमजोर बनाता है और ब्लड वेसल्स को भी नुकसान पहुंचाता है।
  • दिल की मांसपेशियों को कमजोर बनाता है- वायु प्रदूषण दिल की मांसपेशियों को कमजोर बना सकता है, जिससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
  • दिल का दौरा और स्ट्रोक- वायु प्रदूषण दिल के दौरे यानी बढ़ा सकता है। यह खून के थक्के बनने का कारण बन सकता है और ब्लड वेसल्स में रुकावट पैदा कर सकता है।
  • घर के अंदर रहें- जब वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा हो, तो घर के अंदर रहने की कोशिश करें। दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
  • फिजिकल एक्टिविटी कम करें- जब वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा हो, तो ज्यादा इंटेंस फिजिकल एक्टिविटी करने से बचें।
  • मास्क पहनें- जब घर से बाहर निकलें तो N95 मास्क जरूर पहनें।
  • डॉक्टर से नियमित रूप से मिलें- नियमित रूप से डॉक्टर से मिलते रहें और अपनी दवाएं समय पर लें।
  • हेल्दी खाना खाएं- फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर डाइट लें।
  • तनाव कम करें- तनाव दिल की बीमारियों का एक अहम रिस्क फैक्टर है। योग, मेडिटेशन या अन्य।
  • पूरी नींद लें- पूरी नींद लेना आपके पूरे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
  • धूम्रपान न करें- स्मोक करने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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