मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जो कभी भी और किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। आमतौर पर इस बीमारी की चपेट में बच्चे और युवा ज्यादा आते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को दौरे पड़ने लगते हैं। ये दौरे अक्सर मामूली होते हैं, लेकिन कई बार यह गंभीर रूप भी लेते हैं। इस बीमारी को दवाइयों की मदद से काफी हद तक नियंत्रित किया जाता है। मिर्गी के दौरे कभी-कभी दिन में कई बार हो सकते हैं या साल में कुछ ही बार। इस दौरान व्यक्ति गिर सकता है या चोटिल हो सकता है। खासकर जब वह गाड़ी चला रहा हो या तैराकी कर रहा हो तो ये उसके लिए खतरे से खाली नहीं होता है।
मिर्गी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के मकसद से हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपिलेप्सी डे यानी कि राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है। गुरुग्राम के मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. कपिल अग्रवाल ने बताया कि ये एक आम समस्या है जो कभी भी किसी को भी हो सकती है।
डॉ. कपिल ने बताया कि मिर्गी एक ऐसी स्थिति है, जिससे व्यक्ति बेहोश हो सकता है और उसके शरीर में अचानक झटके आ सकते हैं। इसके कारण आंखों का घूमना, शरीर का अकड़ना, या व्यक्ति गिर भी सकता है। कई बार पेशाब भी निकल सकता है और यह कुछ मिनटों तक जारी रह सकता है। इसके बाद व्यक्ति में तेज सिर दर्द, शरीर में दर्द की समस्या देखने को मिलती है। कभी कभार भ्रम की स्थिति भी पैदा हो जाती है। जो कुछ घंटों तक जारी रह सकती है।