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Saturday, September 27, 2025

रूस से तेल आयात पर 25% टैरिफ, क्या अमेरिका-भारत डील से मिलेगी राहत?

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भारत और अमेरिका के रिश्तों में हाल के दिनों में एक नया मोड़ आया है। दोनों देशों के बीच चल रही व्यापार वार्ता को लेकर अब सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। भारत की ओर से कहा गया है कि बातचीत “रचनात्मक” रही है और आने वाले हफ्तों में एक शुरुआती समझौता सामने आ सकता है।

25% टैरिफ
रूस से तेल आयात
भारत अमेरिका व्यापार

इस वार्ता में सबसे बड़ा मुद्दा है रूस से आने वाले तेल आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ। यह शुल्क भारत की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा जरूरतों पर असर डाल रहा है। अमेरिका लंबे समय से चाहता है कि भारत रूस पर अपनी निर्भरता कम करे। न्यू जर्सी के गवर्नर फिल मर्फी ने तो यहां तक कह दिया कि इस बार दोनों देशों के बीच एक “ग्रैंड बर्गेन” यानी बड़ा समझौता देखने को मिल सकता है, जिसमें तेल को लेकर राहत पैकेज भी शामिल हो सकता है।

आम लोगों पर असर

अगर यह समझौता होता है तो भारत के लिए ऊर्जा सस्ती हो सकती है। इसका सीधा फायदा आम जनता को पेट्रोल-डीजल और बिजली दरों में राहत के तौर पर मिल सकता है।विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता भारत-अमेरिका संबंधों को और मज़बूत करेगी और दोनों देशों के लिए व्यापार का नया रास्ता खोलेगी।

यह टैरिफ क्यों लगाया गया?

अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए। भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा था, जिससे भारत की ऊर्जा लागत कम हुई। अमेरिका को यह कदम अपने हितों के खिलाफ लगा और उसने भारत से बातचीत में टैरिफ का मुद्दा उठाया।

भारत पर असर

25% अतिरिक्त शुल्क का मतलब है कि तेल आयात की कीमतें बढ़ जाती हैं। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ सकता है — जैसे पेट्रोल-डीजल की कीमतें, बिजली और परिवहन लागत बढ़ना। भारत के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि देश अपनी ऊर्जा जरूरतों का लगभग 80% हिस्सा आयात से पूरा करता है।

अमेरिका की सोच

अमेरिका चाहता है कि भारत रूस पर निर्भरता कम करे और ऊर्जा की जरूरतें या तो घरेलू उत्पादन से या अमेरिका समेत अन्य सहयोगी देशों से पूरी करे। इससे भारत का झुकाव पश्चिमी देशों की ओर और मजबूत होगा।

समझौते की संभावना

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर कोई समझौता होता है तो इससे भारत को ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी राहत मिल सकती है। इस तरह का “ग्रैंड बर्गेन” भारत को तेल आयात पर छूट और अमेरिका को भारत के साथ व्यापार बढ़ाने का मौका देगा।

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