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Friday, September 26, 2025

Bijapur Encounter : 7 लाख के इनामी 2 माओवादी ढेर, सुरक्षाबलों ने हासिल की बड़ी कामयाबी

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Bijapur Encounter: छत्तीसगढ़ के Bijapur जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान के तहत बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को हुई मुठभेड़ में दो कुख्यात माओवादी मारे गए। दोनों पर कुल मिलाकर 7 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
Bijapur Encounterइस ऑपरेशन को सुरक्षा एजेंसियों की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि यह इलाका लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ माना जाता है।

कैसे हुआ मुठभेड़?

जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबलों को खुफिया इनपुट मिला था कि बीजापुर के घने जंगलों में माओवादियों का एक दल सक्रिय है। इस सूचना के आधार पर CRPF और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया।

जैसे ही सुरक्षाबल इलाके में पहुंचे, माओवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला और करीब दो घंटे चली मुठभेड़ के बाद दो माओवादी मारे गए।

मारे गए माओवादी कौन थे?

  • दोनों माओवादी लंबे समय से इलाके में सक्रिय थे और कई हिंसक वारदातों, पुलिस पर हमलों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल थे।
  • पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, इनमें से एक पर 4 लाख रुपये और दूसरे पर 3 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
  • इनकी मौत से नक्सलियों के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

बरामदगी

मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने

  • एक इंसास रायफल,
  • देशी हथियार,
  • भारी मात्रा में विस्फोटक,
  • नक्सली साहित्य और पर्चे बरामद किए हैं।

यह बरामदगी बताती है कि माओवादी बड़े हमले की साजिश रच रहे थे, जिसे सुरक्षाबलों ने समय रहते नाकाम कर दिया।

सुरक्षाबलों की रणनीति

बीजापुर और आसपास के इलाके लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहे हैं। यहां सुरक्षाबलों को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, हाल के महीनों में सुरक्षा एजेंसियों ने इंटेलिजेंस-बेस्ड ऑपरेशंस पर जोर दिया है।

  • ड्रोन और मॉडर्न सर्विलांस तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है।
  • लोकल इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत किया गया है।
  • गांवों में विश्वास बढ़ाने के लिए सिविक एक्शन प्रोग्राम भी चलाए जा रहे हैं।

प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया

बीजापुर एसपी ने बताया कि यह सुरक्षाबलों के लिए बड़ी उपलब्धि है। मारे गए दोनों नक्सली लंबे समय से पुलिस की वांटेड लिस्ट में शामिल थे। इनके खात्मे से इलाके में नक्सलियों का दबदबा कमजोर होगा और स्थानीय लोगों में सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास और बढ़ेगा।

आम जनता पर असर

इस ऑपरेशन का सबसे बड़ा असर स्थानीय ग्रामीणों पर पड़ेगा। अब उन्हें नक्सलियों के खौफ से कुछ राहत मिलेगी। प्रशासन को उम्मीद है कि इससे लोग मुख्यधारा से जुड़ेंगे और विकास कार्यों में सहयोग करेंगे।

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