भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों को बड़ी सौगात दी है। दरअसल, RBI ने रेपो रेट यानी ब्याज दर में एक चौथाई फीसदी की कटौती करने का फैसला लिया है। RBI ने यह फैसला मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के दौरान लिया है। RBI ने रेपो रेट 6.50 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दी है। RBI के इस फैसले के बाद बैंकों के लिए होम लोन, एजुकेशन लोन, कॉरपोरेट लोन, पर्सनल लोन से लेकर कार लोन की ब्याज दर कम हो गई है। इससे पहले RBI ने 2020 में कोरोना महामारी के चलते जब देश में लॉकडाउन लगा था तर ब्याज दरों को घटाने का फैसला लिया था यानी RBI ने 5 वर्षों के बाद रेपो रेट में कटौती की है।
RBI के फैसले से कैसे सस्ता होगा कार लोन?
भारत के सभी बैंक किसी को भी लोन देने के लिए RBI से पैसे उधार लेते हैं। RBI की तरफ से जिस रेट पर बैंक को उधार दिया जाता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं, मान लिजिए कि रेपो रेट 6 फीसदी है, जब बैंक को RBI से 6 फीसदी पर कर्ज मिलेगा, तो वह इससे सस्ती ब्याज दर पर लोन नहीं दे सकेंगे। उन्हें इससे महंगा ही लोन देना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें अपनी कमाई की लगात को भी देखना होता है। वहीं, बैंक RBI की तरफ से निर्धारित किए गए रेपो रेट से इतना ज्यादा बढ़ाकर ब्याज दर को भी नहीं रख सकती कि आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ें।
महंगी EMI से मिलेगी राहत
इसलिए जब भी RBI रेपो रेट को कम या फिर बढ़ाती है को बैंक को भी उसी हिसाब के दर को सस्ता या महंगा करना पड़ता है। जैसा की हमने आपको ऊपर बताया कि RBI ने रेपो रेट में कटौती की है। इससे बैंको को भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज सस्ते में मिलेगा और वह इसका फायदा ब्याज दर कम करके आम जनता को दे सकते हैं। इस तरह से लोगों को कार लोन लेना सस्ता हो जाएगा और आपके EMI में भी कमी आएगी। इसका फायदा उन लोगों को ही मिलेगा, जिन्होंने कार लोन लेने के दौरान फ्लोटिंग EMI ऑप्शन का चुनाव किया हो। इसमें रेपो रेट कम होने पर ब्याज दर कम होगा और फिर EMI भी कम होगी।