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Friday, November 22, 2024

सेहत के लिए काल बन रहा है Climate Change हो सकती हैं कई स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां

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धरती के तापमान में बढ़ने और मौसम में हो रहे बदलाव क्लाइमेट चेंज  यानी जलवायु परिवर्तन का नतीजा हैं। इसकी वजह से हमारे स्वास्थ्य पर भी गहरा असर  पड़ रहा है जिसके खामियाजे हमें कई तरह से भुगतने पड़ सकते हैं। यहां हम जलवायु परिवर्तन से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानेंगे।

  1. Climate Change की वजह से सेहत को काफी नुकसान पहुंच रहा है।
  2. जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए बड़ा संकट है।
  3. इसके कारण कई प्राकृतिक आपदाएं भी आ रही हैं।जलवायु परिवर्तन यानी क्लामेट चेंज न केवल धरती के तापमान में बढ़ोतरी कर रहा है, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल रहा है। बढ़ते तापमान, बदलते मौसम के पैटर्न, समुद्र का स्तर बढ़ना, और प्रदूषण जैसे फैक्टर हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह के खतरे पैदा कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रहा है। गर्म तापमान और

जलवायु परिवर्तन  न केवल धरती के तापमान में बढ़ोतरी कर रहा है, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल रहा है। बढ़ते तापमान, बदलते मौसम के पैटर्न, समुद्र का स्तर बढ़ना, और प्रदूषण जैसे फैक्टर हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह के खतरे पैदा कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रहा है।

  • गर्मी से संबंधित बीमारियां- बढ़ते तापमान से हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, और अन्य गर्मी से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • दिल की बीमारियां- गर्मी से दिल पर एक्सट्रा दबाव पड़ता है, जिससे बढ़ सकता है।
  • किडनी की बीमारियां- डिहाइड्रेशन से किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है और किडनी की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • सांस संबंधी बीमारियां- बढ़ते तापमान और प्रदूषण से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और अन्य सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • कैंसर- वायु प्रदूषण फेफड़े के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
  • अन्य स्वास्थ्य समस्याएं- वायु प्रदूषण आंखों, त्वचा, और इम्यून सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाता है।
  • मच्छर से पैदा होने वाली बीमारियां- बढ़ते तापमान और बारिश से मच्छरों का प्रजनन बढ़ता है, जिससे मलेरिया, डेंगू और जीका जैसे मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों का प्रसार होता है।
  • खाना और पानी से होने वाली बीमारियां- जलवायु परिवर्तन से खाना और पानी दूषित होने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे हैजा, टाइफाइड, और अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
  • बाढ़- बाढ़ से डायरिया, त्वचा रोग, और अन्य पानी के जरिए फैलने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • सूखा- सूखे से कुपोषण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • तूफान- तूफान से चोट लगने, घरों के नष्ट होने, और हो सकती हैं।
    • कन्जेनिटल डिजीज- गर्भावस्था के दौरान प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों में कन्जेनिटल डिजीज होने का खतरा बढ़ सकता है।
    • बच्चों का विकास- प्रदूषण बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है।
    • अस्थमा- बच्चों में अस्थमा होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
      • चिंता और तनाव- जलवायु परिवर्तन से होने वाली प्राकृतिक आपदाएं और अन्य घटनाएं लोगों में चिंता और तनाव पैदा कर सकती हैं।
      • डिप्रेशन- जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान से लोग डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं।
      • पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD)- प्राकृतिक आपदाओं के बाद लोग पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से पीड़ित हो सकते हैं।
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