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Tuesday, December 2, 2025

साइबराबाद पुलिस ने फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से 8-10 करोड़ की ठगी का खुलासा

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हैदराबाद: साइबराबाद पुलिस ने एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है, जिसने पिछले दो सालों में ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से करीब 8 से 10 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. यह कॉल सेंटर “रिज आईटी सॉल्यूशंस” नाम से आईटी सेवा प्रदाता के रूप में हैदराबाद के मधापुर इलाके में संचालित हो रहा था. साइबराबाद स्पेशल ऑपरेशंस टीम (Cyberabad Special Operations Team) ने साइबर क्राइम पुलिस के साथ मिलकर इस अवैध धंधे में शामिल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होंगी. साइबराबाद के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है और विदेशी लिंक और मनी ट्रेल की पहचान के लिए आगे की जांच जारी है.

इस तरह से ठगी की वारदात को देते थे अंजाम

आरोपी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को फर्जी पॉप-अप और ईमेल भेजकर संपर्क शुरू करते थे और फिर उन्‍हें झूठी चेतावनी देते थे कि उनके कंप्यूटर हैक हो गए हैं, जब वे (ऑस्ट्रेलियाई नागरिक) पॉप-अप में दिखाए गए कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करते थे तो यह कॉल सीधे रिज आईटी सॉल्यूशंस से जुड़े एक्स-लाइट एप्लिकेशन के माध्यम से रूट हो जाती थीं.

इसके बाद आरोपी सोशल इंजीनियरिंग की रणनीति का इस्तेमाल करके पीड़ितों को रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर AnyDesk इंस्टॉल करने के लिए राजी कर लेते थे. इस तरह वे पीड़ितों के सिस्टम पर पूरा नियंत्रण हासिल करते थे, उनके ऑनलाइन बैंकिंग क्रेडेंशियल्स तक पहुंच बनाते थे और फिर बिना अनुमति के बड़ी रकम ट्रांसफर कर लेते थे. चोरी की गई धनराशि सीधे भारत नहीं भेजी जाती थी. इसके बजाय यह धनराशि पहले भारतीय नागरिकों और ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले छात्रों के ऑस्ट्रेलियाई बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी.

अपराधियों द्वारा इस्‍तेमाल इन “म्यूल खाते” ट्रांसफर के शुरुआती बिंदु के रूप में काम करते थे, जिसके बाद हवाला नेटवर्क और क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन जैसे अवैध वित्तीय मार्गों का इस्तेमाल करके धनराशि को भारत भेजा जाता था

छापेमारी के दौरान पुलिस को क्‍या पता चला?

छापेमारी के दौरान पुलिस ने 45 ऑस्ट्रेलियाई बैंक खातों से जुड़े महत्वपूर्ण सबूतों को जब्‍त किया है, जिससे यह पता चलता है कि दो साल की अवधि में सैकड़ों ऐसे खातों का दुरुपयोग किया गया होगा.

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