दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता (Air Quality Index) लगातार गंभीर स्तर (Severe Category) की ओर बढ़ने के बाद सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू करने की घोषणा की है। यह निर्णय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) की आपात बैठक के बाद लिया गया। इस आदेश के तहत अब दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में कई कड़े प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।
निर्माण कार्यों पर रोक और औद्योगिक गतिविधियों पर सख्ती
GRAP-3 लागू होने के बाद राजधानी में निर्माण और ध्वंस (Construction & Demolition) से जुड़े कार्यों पर रोक लगा दी गई है। सिर्फ सरकारी परियोजनाएँ जैसे — रेलवे, मेट्रो, अस्पताल, स्कूल, और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े निर्माण कार्य ही जारी रहेंगे। इसके अलावा, ब्रिक किल्न, स्टोन क्रशर और हॉट मिक्स प्लांट्स को भी बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।
डीज़ल वाहनों पर रोक और यातायात नियंत्रण
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, BS-III पेट्रोल और BS-IV डीज़ल वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर रोक लगाई गई है।ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई करें और ई-चालान प्रणाली के जरिए भारी जुर्माना लगाएं। साथ ही, सरकार ने सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त बसें और मेट्रो ट्रेनें चलाने की तैयारी की है।
स्कूलों में ऑनलाइन क्लास और घर से काम की सलाह
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए स्कूलों और कॉलेजों को वैकल्पिक ऑनलाइन क्लास शुरू करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही निजी कंपनियों को Work From Home (WFH) लागू करने की अपील की गई है ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या घटाई जा सके।
AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में — स्वास्थ्य पर असर शुरू
CPCB के अनुसार, दिल्ली का AQI (Air Quality Index) शनिवार सुबह 432 दर्ज किया गया, जो ‘Severe’ श्रेणी में आता है। नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्तर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों के लिए बेहद खतरनाक है। दिल्ली के कई इलाकों जैसे आनंद विहार, आईटीओ और रोहिणी में धुंध की मोटी परत (Smog) देखी गई, जिससे दृश्यता में भारी कमी आई है।
प्रदूषण के प्रमुख कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय प्रदूषण बढ़ने के प्रमुख कारण हैं —
- पराली जलाना (Stubble Burning) पंजाब और हरियाणा में
- वाहन उत्सर्जन (Vehicle Emission)
- निर्माण कार्यों से उड़ती धूल
- मौसमी बदलाव और कम हवा की गति
इन कारणों से वायु में PM2.5 और PM10 कणों की मात्रा तेजी से बढ़ रही है, जो फेफड़ों के लिए बेहद हानिकारक है।
सरकार की निगरानी और कार्रवाई योजना
CAQM ने सभी जिलों में विशेष टीमों का गठन किया है जो रोजाना प्रदूषण स्रोतों की निगरानी करेंगी। इसके अलावा, सरकार ने 24 घंटे चलने वाला Green Helpline Number भी शुरू किया है ताकि नागरिक प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की शिकायत कर सकें। राजधानी में एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव और सड़क धुलाई जैसे उपाय भी तेज़ किए जा रहे हैं।








