भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले से महज 70 किलोमीटर दूरी पर लहार तहसील के दबोह कस्बे से 2 किमी की दूरी पर अमाहा गांव में विराजी मां रेहकोला देवी का मंदिर एक हजार शताब्दी पुराना है। कहा जाता है की 11वीं शताब्दी में बुंदेलखंड के वीर योद्धा आल्हा-उदल के चचेरे भाई मलखान पर हिंगलाज देवी की कृपा थी। मलखान पाकिस्तान से माता को अपने साथ लेकर आए थे।सनातन धर्म में मान्यता है कि, जब राजा दक्ष के भगवान को अपमान करने के बाद माता सती हुई थी। तब भगवान शिव दुखी होकर उनके शरीर को हाथों में लिए पूरे ब्रह्मांड में घूम रहे थे। तभी माता सती के अंग अलग-अलग स्थानों पर गिरे थे और उन स्थानों पर मां जगदम्बा के आदिशक्ति शक्तिपीठ बने हैं। उन्हीं शक्ति पीठ में एक शक्ति पीठ को पाकिस्तान के हिंगलाज माता मंदिर से जाना जाता है। हिंगलाज शक्ति पीठ को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस शक्ति पीठ पर माता सती का सिर गिरा था। यहां की मान्यता यह है कि मां जगदम्बा जिसे अपने पास बुलाती थी वही भक्त मां के शक्ति पीठ पर पंहुच पाता था।