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Saturday, June 28, 2025

Dussehra 2024: इन 4 शुभ योग में मनाया जाएगा दशहरा, नोट करें शुभ मुहूर्त एवं पूजा का समय

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नई दिल्ली। देशभर में शारदीय नवरात्र का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। शारदीय नवरात्र आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इसके अगले दिन दशहरा (Dussehra Celebration) मनाया जाता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है। भगवान राम की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के कार्यों में सफलता मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो दशहरा पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही जीवन में खुशियो का आगमन होगा। आइए, दशहरा का शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी और 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद एकादशी तिथि शुरू होगी। इस शुभ अवसर पर यानी 12 अक्टूबर को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक पर्व दशहरा (Dussehra 2024) मनाया जाएगा। इस दिन दोपहर के समय में पूजा का शुभ मुहूर्त है।

दशहरा मुहूर्त मुहूर्त (Dussehra Vijay Muhurat)

विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से लेकर 02 बजकर 49 मिनट तक है।

अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 44 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक है।

गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 54 मिनट से लेकर 06 बजकर 19 मिनट तक है।

शुभ योग

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान राम की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होंगे। रवि योग का संयोग दिन भर है। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग भी दिन भर है। इस योग का समापन 13 अक्टूबर को होगा। ज्योतिष रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग को शुभ मानते हैं। इन योग में मंगलकार्य कर सकते हैं। साथ ही खरीदारी कर सकते हैं। इस शुभ तिथि पर खरीदारी करना बेहद शुभ होता है। इसके साथ ही दशहरा पर श्रवण नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। कुल मिलाकर कहें तो वर्षों बाद दशहरा पर एक साथ 4 मंगलकारी योग बन रहे हैं।

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