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Tuesday, October 28, 2025

चुनाव आयोग की बड़ी पहल: 12 राज्यों में मतदाता सूची संशोधन का दूसरा चरण शुरू, नए वोटरों को जोड़ा जाएगा डिजिटल प्लेटफॉर्म से

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भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची संशोधन (Voter List Revision) का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। यह अभियान 2025 के आगामी विधानसभा चुनावों और 2026 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। इस चरण के तहत आयोग का लक्ष्य है कि हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल हो और कोई भी पात्र व्यक्ति वोटिंग अधिकार से वंचित न रहे।

अभियान की अवधि और प्रमुख राज्य

यह संशोधन अभियान 28 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 तक चलेगा। जिन 12 राज्यों में यह प्रक्रिया शुरू हुई है, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं — उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, बिहार, पंजाब, हरियाणा, असम, ओडिशा और दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे घर-घर जाकर सत्यापन अभियान (Door-to-Door Verification) चलाएं और नागरिकों को अपने नाम, पता या उम्र में संशोधन करने का अवसर दें।

डिजिटल वोटर सर्विस पोर्टल से होगा आसान पंजीकरण

आयोग ने इस बार डिजिटल वोटर सर्विस पोर्टल (NVSP) और Voter Helpline App के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा दी है। नए मतदाता अब मोबाइल या कंप्यूटर से ही अपना नाम जोड़ सकते हैं या जानकारी अपडेट कर सकते हैं। यह कदम देशभर में डिजिटल लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।इसके अलावा, आयोग ने युवाओं को जागरूक करने के लिए #MyVoteMyRight सोशल मीडिया अभियान भी शुरू किया है, ताकि 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले हर नागरिक को मतदान प्रक्रिया से जोड़ा जा सके।

कौन करा सकता है नाम दर्ज या संशोधित?

नया मतदाता पंजीकरण: जिनकी उम्र 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष या उससे अधिक हो जाएगी, वे आवेदन कर सकते हैं।

नाम या पता संशोधन: जिनके नाम, पता या फोटो में त्रुटि है, वे फॉर्म-8 भरकर संशोधन कर सकते हैं।

स्थानांतरण (Migration): यदि कोई नागरिक एक विधानसभा क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित हुआ है, तो उसे नया पंजीकरण करना होगा।

चुनाव आयोग की प्राथमिकता: पारदर्शिता और सटीकता

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने कहा कि मतदाता सूची को 100% सटीक और त्रुटिहीन बनाना आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आयोग ने राज्यों से कहा है कि किसी भी तरह के फर्जी पंजीकरण या डुप्लिकेट नामों की पहचान कर उन्हें तुरंत हटाया जाए। इसके अलावा, निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे विशेष अभियान शिविर लगाकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करें।

महिलाओं और युवाओं पर विशेष फोकस

इस अभियान में महिला और युवा मतदाताओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि महिला मतदाताओं की संख्या बढ़े और देश में Gender Gap in Voting को कम किया जा सके। इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों, स्कूलों और कॉलेजों में भी पंजीकरण शिविर लगाए जा रहे हैं।

अगले चरण की तैयारी और डेटा सत्यापन

अभियान के बाद सभी राज्यों से डेटा एकत्र किया जाएगा और अंतिम मतदाता सूची दिसंबर 2025 में प्रकाशित की जाएगी। यह सूची 2026 के आम चुनावों के लिए आधार बनेगी। निर्वाचन आयोग ने बताया कि इस बार वोटर आईडी डेटा को आधार कार्ड से लिंक करने की प्रक्रिया भी तेज़ की जा रही है, ताकि पहचान सत्यापन और आसान हो सके।

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