जगदलपुर. तबीयत खराब होने पर हम उपचार कराने और स्वस्थ होने के लिए अस्पताल जाते हैं. लेकिन अगर अस्पताल में ही गंदगी फैली हो, तो स्वस्थ व्यक्ति भी वहां जाकर बीमार हो सकता है. ऐसी स्थिति में अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों को अन्य बीमारियों का संक्रमण होने का भी खतरा होता है. इतना ही नहीं, उनकी स्वास्थ स्थिति और भी गंभीर हो सकती है. ऐसे में मरीज उपचार को जाएं तो कहां ? यही स्थिति बनी हुई है बस्तर संभाग के अस्पतालों के, जहां मेडिकल वेस्ट के निपटारे के सही प्रबंध न होने के कारण पर्यावरण विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए कुल 2 लाख 84 हजार 400 रुपये का जुर्माना लगाया है.
बता दें, पर्यावरण विभाग ने जगदलपुर स्थित महारानी अस्पताल पर सबसे अधिक 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं कांकेर जिले के न्यू लाइफ हॉस्पिटल पर 32 हजार 400, नारायणपुर के ICC शांति हॉस्पिटल पर 6 हजार, नेताम हॉस्पिटल एंड इन्फर्टिलिटी सेंटर पर 33 हजार 600 का जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा कुम्हरावण्ड, तितिर गांव और नगरनार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 37 हजार 200 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
पर्यावरण विभाग के अनुसार, मेडिकल वेस्ट को सही तरीके से निपटाने में लगातार लापरवाही बरती जा रही थी, जिसके चलते यह कार्यवाही की गई है. विभाग ने कोर्ट द्वारा जारी सीपीसी गाइडलाइन के उल्लंघन के आधार पर यह कदम उठाया है. महारानी अस्पताल ने जुर्माने का भुगतान कर दिया है, जबकि बाकी अस्पतालों को इसकी जानकारी पत्राचार के माध्यम से दी जा रही है.
सीएमएचओ संजय बसाक ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ज्यादातर अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट के निपटारे की व्यवस्था हो चुकी है, और शेष अस्पतालों के लिए पर्यावरण विभाग से समय मांगा गया है. उन्होंने यह भी माना कि पूर्व सीएमएचओ की लापरवाही के चलते यह कार्यवाई की जा रही है.
उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार को पर्यावरण कंपनसेशन की जानकारी दे दी गई है, और भविष्य में मेडिकल वेस्ट डंपिंग के लिए भूमि अधिग्रहण करने की योजना बनाई जा रही है. बस्तर संभाग में ऐसे और भी स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां मेडिकल वेस्ट को लेकर पर्यावरण विभाग ने जांच किया है और आने वाले समय में उन अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में जुर्माना लगाए जा सकते हैं.