अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने हाल ही में अपनी नीतिगत ब्याज दरों में आधा फीसदी की कमी की थी। इससे अनुमान लगाया जा रहा था कि आरबीआई भी रेपो रेट में कमी करके आम जनता को राहत दे सकता है। लेकिन रिजर्व बैंक ने लगातार 10वीं बार नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। आइए जानते हैं इस फैसले की वजह।
- फरवरी 2023 से रेपो दर 6.5 फीसदी पर जस की तस है।
- आरबीआई का फोकस अभी खुदरा महंगाई घटाने पर है।
- आरबीआई दिसंबर में ब्याज दरों में कमी कर सकता है।
रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट यानी नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि, एक्सपर्ट पहले ही अनुमान जता रहे थे कि इस बार ब्याज दरों में आरबीआई कोई राहत नहीं देगा। इसका मतलब है कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की अगली बैठक तक ब्याज दरें 6.5 फीसदी पर बरकरार रहेंगी। आइए जानते हैं कि आरबीआई ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में बदलाव क्यों नहीं किया।
इस वक्त आरबीआई का सारा जोर महंगाई घटाने पर है। खासकर, खाद्य मुद्रास्फीति पर। खुदरा महंगाई अगस्त में मामूली रुपये से बढ़कर 3.65 प्रतिशत रही। केंद्र सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति आरबीआई के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इनमें आलू, टमाटर और प्याज जैसी सब्जियों की बढ़ती कीमतें शामिल हैं।