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आयुर्वेद से दूर होगी बच्चों की Eye allergy, डॉक्टर ने बताए रेडनेस और खुजली से छुटकारा पाने के कुछ असरदार उपाय

बच्चों की आंखों में एलर्जी आम बात है। ऐसे में आंखें लाल हो जाती हैं इनसे पानी निकलता है खुजली होती है और यह सूज भी जाती हैं। क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद से बच्चों में Eye Allergies को बिना किसी नुकसान के आसानी से ठीक किया जा सकता है? आइए इस बारे में बसु आई केयर और जगत फार्मा के निदेशक डॉ. मंदीप सिंह बसु से जानते हैं।

  1. दिन-ब-दिन बढ़ रहे प्रदूषण के कारण बच्चों में आंखों की एलर्जी आम बात हो गई है।
  2. आयुर्वेद में आंखों की एलर्जी के लिए सदियों से कई प्राकृतिक उपचार मौजूद हैं।
  3. बच्चों को Eye Allergy से राहत दिलाने में प्राकृतिक उपचार बेहद कारगर होते हैं।
दिनों-दिन बढ़ रहे प्रदूषण और बदलते लाइफस्टाइल के कारण बच्चों में आंखों की एलर्जी  एक आम समस्या बन गई है। रेडनेस, खुजली, पानी बहना और सूजन जैसे लक्षण बच्चों के लिए बेहद परेशानी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में माता-पिता अक्सर टेंशन में रहते हैं कि आखिर इस समस्या  से कैसे निजात पाई जाए। 

बता दें, आयुर्वेद यानी प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति में बच्चों की आंखों की एलर्जी के लिए बेहद प्रभावी और प्राकृतिक उपचार मौजूद है। आसान शब्दों में समझें, तो आयुर्वेद इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने पर जोर देता है। आइए प्वाइंट्स में समझते हैं कि इस समस्या से राहत पाने के लिए क्या कुछ तरीके  अपनाए जा सकते हैं।
  • पराग और धूल: फूलों का पराग और घर की धूल बच्चों की आंखों को परेशान कर सकती है।
  • पालतू जानवर: पालतू जानवरों के बाल या त्वचा की रूसी से भी बच्चों की आंखों में एलर्जी हो सकती है।
  • मौसम में बदलाव: मौसम में बदलाव से हवा में एलर्जेंस की मात्रा बढ़ सकती है।
  • प्रदूषण: प्रदूषित हवा भी बच्चों की आंखों में एलर्जी का कारण बन सकती है।
आयुर्वेद शरीर के दोषों (तत्वों) को संतुलित करके आंखों की एलर्जी का इलाज करने पर जोर देता है। ऐसे में, कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक उपचार इस प्रकार हैं- 

  • त्रिफला: त्रिफला आंखों को साफ करने और सूजन कम करने में मदद करता है।
  • औषधीय घी: आंखों के आसपास औषधीय घी लगाने से सूजन कम होती है और आंखों में नमी बनी रहती है।
  • नेत्र तर्पण: इस उपचार में आंखों में औषधीय तेल या घी डाला जाता है।
  • नीम का अर्क: नीम के एंटी-बैक्टीरियल गुण आंखों की लालिमा और सूजन कम करने में मदद करते हैं।
  • आयुर्वेदिक आई ड्रॉप्स: गुलाब जल और शहद से बने आई ड्रॉप्स एलर्जी के लक्षणों को कम करते हैं।
  • डाइट में बदलाव: आयुर्वेद ठंडक देने वाले और हाइड्रेटिंग फूड आइटम्स से भरपूर पित्त शमन करने वाली डाइट पर जोर देता है, जिससे एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
डॉ. मंदीप सिंह बसु बताते हैं कि आंखों की एलर्जी बच्चों में एक आम समस्या है और आयुर्वेद यानी प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति, इस समस्या के लिए एक प्राकृतिक और सुरक्षित समाधान मुहैया कराती है। आइए कुछ प्वाइंट्स की मदद से समझते हैं कि आयुर्वेद  के लिए क्यों सबसे बेहतर ऑप्शन है। 

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  • जड़ी-बूटियों का उपयोग: आयुर्वेदिक उपचार प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और औषधियों पर आधारित होते हैं, जो बच्चों की सेंसिटिव आंखों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं।
  • कोई साइड इफेक्ट्स नहीं: आयुर्वेदिक उपचारों में हानिकारक रसायनों यानी हार्मफुल कैमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जिससे साइड इफेक्ट्स का खतरा काफी कम हो जाता है।
  • जड़ से समाधान: आयुर्वेद केवल लक्षणों को नहीं, बल्कि एलर्जी की जड़ को दूर करने की कोशिश करता है। यह शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर भविष्य में एलर्जी होनी की संभावना को कम करने में भी मददगार होता है।
  • शरीर-मन का संतुलन: आयुर्वेद मानता है कि शरीर और मन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए, आयुर्वेदिक उपचार न सिर्फ शारीरिक समस्याओं बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करने में मदद करते हैं।
  • कोमल तरीके: आयुर्वेदिक उपचार जैसे नेत्र धोवन (त्रिफला), औषधीय घी का उपयोग आदि बच्चों के लिए बहुत ही कोमल होते हैं और इससे उन्हें किसी भी तरह का दर्द या असुविधा नहीं होती।
  • लंबे समय तक लाभ: आयुर्वेदिक उपचारों से मिलने वाले फायदे लंबे समय तक बने रहते हैं।

आयुर्वेद हर व्यक्ति को एक अलग तरीके से देखता है। इसलिए, आयुर्वेदिक उपचार व्यक्ति के शरीर के प्रकार और एलर्जी की गंभीरता के अनुसार तैयार किए जाते हैं। 

  • आंखों की रोशनी बढ़ाता है: आयुर्वेदिक उपचार आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
  • तनाव कम करता है: आयुर्वेदिक उपचार तनाव को कम करने में भी मदद करते हैं जो एलर्जी को बढ़ाने में भी जिम्मेदार होते हैं।

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