सिख धर्म की स्थापना गुरु नानक देव जी ने की थी। सिख धर्म के लिए गुरुद्वारा आस्था का केंद्र है। देशभर में कई गुरुद्वारे हैं। जहां रोजाना श्रद्धालु अधिक संख्या में पहुंचते हैं। इनमें पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर भी शामिल है। इसे सिख धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल के रूप जाना जाता है। स्वर्ण मंदिर को श्री हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है। स्वर्ण मंदिर के पास एक कुंड है, जिसे अमृत सरोवर कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं स्वर्ण मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
ऐसा बताया जाता है कि स्वर्ण मंदिर की नीवं संत हजरत मियां मीर ने रखी थी। स्वर्ण मंदिर का निर्माण गुरु अर्जन देव जी के द्वारा हुआ था, वे सिख धर्म के सिख पांचवें गुरु थे। मंदिर बनने से पहले यहां पर गुरु नानक देवी ध्यान करते थे। इसे बनने के लिए 08 वर्ष का समय लगा। स्वर्ण मंदिर के आसपास अमृत सरोवर का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से कुंड में स्नान करने से व्यक्ति को बीमारियों से छुटकारा मिलता है और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। स्वर्ण मंदिर में लंगर हमेशा चलता रहता है। इसे विश्व का सबसे बड़ा लंगर माना जाता है। जहां रोजाना अधिक संख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं।
- यदि आप स्वर्ण मंदिर जाने की सोच रहे हैं, तो यहां हवाई, सड़क और रेलमार्ग के द्वारा पहुंचा जा सकता है।
- स्वर्ण मंदिर नेशनल हाईवे से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आप बस और कैब की मदद से पहुंच सकते हैं।
- इसके अलावा स्वर्ण मंदिर जाने के लिए हवाई मार्ग भी अच्छा ऑप्शन है। स्वर्ण मंदिर के पास अमृतसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। जहां से आप कैब की मदद से हरमंदिर साहिब पहुंच सकते हैं।
- स्वर्ण मंदिर जाने के लिए रेल मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके पास अमृतसर रेलवे स्टेशन है। जहां कैब की मदद से स्वर्ण मंदिर पहुंच सकते हैं।