रूस और गूगल के बीच चल रही जंग की चर्चा अब पूरी दुनिया में हो रही है. रूस साल 2022 से एक साथ दो मोर्चों पर जंग लड़ रहा है. यूक्रेन के साथ वह सीधे हथियारों से लड़ रहा है तो अमेरिका के साथ आर्थिक जंग चल रही है. यूक्रेन के साथ जंग शुरू होने के बाद से अमेरिका ने एक के बाद एक रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं.
लेकिन इस बार रूस ने अमेरिकी कंपनी पर जुर्माना लगाया है. अमेरिका की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक गूगल पर रूस ने इतना बड़ा जुर्माना लगाया है कि पूरी धरती पर इतने पैसे नहीं हैं.
जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा, धरती पर इतने पैसे नहीं हैं और रूसी कोर्ट ने गूगल से जो रकम मांगी है, उसमें इतने जीरो हैं कि आप गिनते-गिनते थक जाएंगे.
दरअसल, रूसी कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि गूगल को 2.5 डेसीलियन डॉलर का जुर्माना भरना होगा. यह रकम इतनी बड़ी है कि पूरी धरती पर इतने पैसे नहीं हैं.
ऐसा इसलिए क्योंकि डेसिलियन गिनने के लिए 1 के बाद 36 शून्य जोड़े जाते हैं. वो भी अमेरिकी गणना के अनुसार, अगर ब्रिटिश गणना देखें तो 60 शून्य जोड़ने पड़ेंगे.अगर अमेरिकी गणना के अनुसार चलें तो रूस ने 250 का दांव लगाया है…
यह मामला करीब चार साल पहले शुरू हुआ था, जब गूगल ने क्रेमलिन समर्थक और सरकार द्वारा नियंत्रित मीडिया चैनलों जैसे कि ज़ारग्रेड टीवी और आरआईए फैन के अकाउंट यूट्यूब से हटा दिए थे. गूगल ने कहा कि इन अकाउंट ने प्रतिबंधात्मक कानूनों और व्यावसायिक नियमों का उल्लंघन किया है.
इसके बाद, मॉस्को कोर्ट ने गूगल को इन चैनलों के अकाउंट बहाल करने का आदेश दिया और इस आदेश का पालन न करने पर प्रतिदिन 100,000 रूबल का जुर्माना लगाया गया.
2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई. यूट्यूब ने एनटीवी, रूस 24, आरटी और स्पुतनिक जैसे अन्य रूसी सरकारी मीडिया चैनलों के अकाउंट भी बंद कर दिए, जिसके कारण 17 रूसी टीवी चैनलों ने गूगल के खिलाफ मुकदमा दायर किया. नतीजतन, जुर्माने की राशि हर दिन बढ़ने लगी.
2022 की शुरुआत में यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की शुरुआत के बाद, गूगल ने रूस में अपने संचालन को काफी कम कर दिया है. यूट्यूब और गूगल सर्च जैसी सेवाएं रूसी सीमाओं के भीतर उपलब्ध हैं.
कुछ अमेरिकी प्रौद्योगिकी कम्पनियों के विपरीत, जो पूरी तरह से पीछे हट गईं, गूगल का रूस में आंशिक परिचालन जारी है, हालांकि रूसी सरकार द्वारा इसके बैंक खाते जब्त कर लिए जाने के बाद संघर्ष बढ़ने पर इसकी रूसी सहायक कम्पनी ने कई महीनों बाद दिवालियापन के लिए आवेदन कर दिया था.