हरियाणा सरकार ने शिक्षकों के हित में बड़ा फैसला लिया है। राज्य कैबिनेट ने “नई शिक्षक स्थानांतरण नीति 2025” (Teacher Transfer Policy 2025) को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत अब शिक्षक अपनी पसंद के स्कूल का चयन कर सकेंगे और कुछ विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त भत्ता (Allowance) भी प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को सर्वसम्मति से पारित किया गया। सरकार का कहना है कि नई व्यवस्था से पारदर्शिता, संतुलन और डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे शिक्षकों को न्यायसंगत और सुविधाजनक ट्रांसफर का लाभ मिलेगा।
क्या है नई शिक्षक स्थानांतरण नीति 2025?
नई नीति का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को एक निष्पक्ष और ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम प्रदान करना है। इसके अंतर्गत निम्न बदलाव किए गए हैं:
ऑनलाइन स्कूल चयन प्रणाली: अब शिक्षक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी पसंद के 5 स्कूल चुन सकेंगे।
मेरिट आधारित ट्रांसफर: ट्रांसफर प्रक्रिया में अब वरिष्ठता, सेवा अवधि, और उपलब्ध पदों के आधार पर मेरिट सिस्टम लागू किया जाएगा।
विशेष मामलों में प्राथमिकता: दिव्यांग शिक्षक, विधवा महिला कर्मचारी, और गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों को विशेष प्राथमिकता मिलेगी।
अतिरिक्त भत्ता (Allowance): कठिन और दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों को विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
शिक्षकों में खुशी की लहर
नीति के ऐलान के बाद शिक्षकों में खुशी और संतोष देखा गया। हरियाणा शिक्षक संघ ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि “यह नीति वर्षों से चली आ रही परेशानियों को खत्म करेगी और ट्रांसफर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगी।” एक वरिष्ठ शिक्षक ने कहा, “पहले ट्रांसफर के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था, अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन और निष्पक्ष हो गई है।”
डिजिटल पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
हरियाणा सरकार ने कहा कि यह नई नीति शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत करेगी। सभी ट्रांसफर आवेदन और चयन प्रक्रिया को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे किसी भी प्रकार की शिकायत या भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री का बयान
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “हमारा उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाना है। शिक्षकों की संतुष्टि ही शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ा सकती है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि आने वाले वर्षों में शिक्षा विभाग में और भी ई-गवर्नेंस सुधार लागू किए जाएंगे।








