नरक चतुर्दशी के दिन को हिंदुओं में बेहद खास माना जाता है। इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग प्रदोष काल के दौरान चार मुखी दीया जलाते हैं जो यम देव को समर्पित होता है। इस साल नरक चतुर्दशी आज यानी 30 अक्टूबर को मनाई जा रही है।
- नरक चतुर्दशी के दिन को हिंदुओं में बेहद खास माना जाता है।
- इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है।
- यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
नरक चतुर्दशी का दिन बेहद विशेष माना जाता है। इसे यम चतुर्दशी व छोटी दीवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और यम देव, जिन्हें मृत्यु का देवता माना जाता है उनकी पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में इस दिन का अपना धार्मिक महत्व है। वहीं, यह महत्वपूर्ण अवधि में यम का दीपक जलाने का भी विधान है, जो नरक चतुर्दशी की शाम को किया जाता है, तो आइए इसकी विधि और यह कैसा होना चाहिए? उसके बारे में जानते हैं।
के दिन शाम के समय प्रदोष काल में गेहूं के आटे से एक दीपक बनाएं, फिर चार बत्ती तैयार करें और उसे दीपक में रखें और उसमें सरसों का तेल डालें। इसके बाद दीपक के चारों ओर गंगाजल छिड़कें। इसके पश्चात घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में उसे रख दें। दीपक के नीचे कोई अनाज जरूर रखें।