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Sunday, December 8, 2024

शरीर में नजर आएं ये लक्षण तो हो जाएं सावधान नहीं तो भुगतना पड़ जाएगा नुकसान

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लाइफस्टाइल में बदलाव का खामियाजा हमारी सेहत को चुकाना पड़ सकता है। बिगड़ती खान-पान की शैली और रहन-सहन के कारण लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं। इन बीमारियों में एंडोक्राइन से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं। इसकी वजह से एक नहीं बल्कि परेशानियां हो सकती हैं। आइए जानें एंडोक्राइन से जुड़ी समस्याओं के लक्षण और इनसे कैसे बचाव किया जा सकता है।

  1. एंडोक्राइन ग्लैंड से जुड़ी समस्याएं शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  2. इसकी वजह से हार्मोन असंतुलन भी हो सकता है।
  3. हार्मोन में बदलाव की वजह से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

हमारी लाइफस्टाइल में इतने बदलाव हो चुके हैं कि बीमारियां आसानी से हमें अपनी चपेट में ले रही हैं। इनमें कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिनके लक्षण साफतौर से समझ भी नहीं आते, लेकिन सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन्हीं बीमारियों में एंडोक्राइन से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं। इनके लक्षण काफी अजीब होते हैं, लेकिन फिर भी लोग इन पर आमतौर पर ध्यान नहीं देते, जिसकी वजह से आगे चलकर परेशानी बढ़ जाती है। यहां हम आपको एंडोक्राइन से जुड़ी परेशानियों के बारे में बताने वाले हैं कि उनके लक्षण क्या हैं। इससे आप इन परेशानियों को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।

एंडोक्राइन सिस्टम शरीर की अलग-अलग ग्रंथियों का एक समूह है, जो हार्मोन का उत्पादन करते हैं। ये हार्मोन शरीर के अलग-अलग अंगों और प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। जब इन ग्रंथियों में कोई समस्या होती है, तो हार्मोन का उत्पादन असंतुलित हो जाता है और इसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

  • तेज दिल की धड़कन- अक्सर तेज दिल की धड़कन को दिल से जुड़ी समस्या से जोड़ा जाता है, लेकिन यह ओवरएक्टिव थायरॉइड का भी संकेत हो सकता है।
  • खुजली और प्यास- शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक होने वाली खुजली और प्यास बढ़ना हो सकता है, जो पैंक्रिया ग्लैंड में गड़बड़ी की वजह से होता है।
  • अचानक वजन बदलना- बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन में अचानक बढ़ोतरी या कमी होना भी एंडोक्राइन विकार का संकेत हो सकता है।
  • नींद में परेशानी- नींद न आना या बहुत ज्यादा नींद आना भी एंडोक्राइन समस्या का संकेत हो सकता है।
  • दृष्टि में बदलाव: धुंधला दिखना या कम दिखाई देना पिट्यूटरी ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
  • हड्डियों का कमजोर होना- हल्की सी चोट लगने पर या  मेटाबोलिक बोन डिजीज का संकेत हो सकता है।
  • दांतों के बीच गैप बढ़ना- दांतों के बीच का गैप बढ़ना एक्रोमेगाली का संकेत हो सकता है। यह पिट्यूटरी ग्लैंड में ग्रोथ हार्मोन के ज्यादा बढ़ने की वजह से होता है।
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