Antibiotic दवाएं बीमारी से तो लड़ती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर देती हैं? जी हां इस आर्टिकल में हम आपको इस समस्या को कम करने के तरीके बताएंगे। साथ ही यहां आप जानेंगे कि एंटीबायोटिक्स लेने के दौरान खानपान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे गट हेल्थ को किसी भी तरह के नुकसान से बचाया जा सकता है।
- एंटीबायोटिक्स के दुष्प्रभावों से बचने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
- एंटीबायोटिक दवाएं आंतों के स्वास्थ्य को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
- खान-पान में कुछ बदलाव करके आप अपनी गट हेल्थ का ख्याल रख सकते हैं।
साल 1928 में पेंसिलिन का अविष्कार होने के बाद संक्रमण से से होने वाली मौतों से जान बचाने में एंटीबायोटिक्स की बहुत बड़ी भूमिका रही है। वहीं, बुरे बैक्टीरिया को नष्ट करने के चक्कर में अच्छों का सफाया हो जाना भी कम चिंताजनक नहीं है। पर, अच्छी बात है कि आंतों के माइक्रोबायोम पर यह प्रभाव अस्थायी होता है। अगर स्वस्थ हैं तो आपके खुद ही रिकवर होने की संभावना रहती है। फिर भी, स्वास्थ्य को वापस पाने के लिए हमें थोड़ा सक्रियता बढ़ाने की जरूरत होती है।
आसान शब्दों में समझें तो जिस तरह जंगल में आग सब कुछ नष्ट कर देती है, ठीक उसी तरह एंटीबायोटिक्स आंतों में माइक्रोब्स के साथ करता है। जंगल दोबारा उगता तो है, पर पहले की तरह वह विविधता भरा नहीं रह जाता। पहले खरपतवार जैसे पौधे ही उगते हैं। इसी तरह आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बहुत मुश्किल से पनप पाते हैं।