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Friday, November 22, 2024

जहरीली हवा से करनी है अपने बच्चे की सुरक्षा तो एक्सपर्ट की बताई इन बातों का रखें ध्यान

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दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली बन चुकी है। हवा में PM2.5 और PM10 का बढ़ता स्तर सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है। इसकी वजह से आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, आपको बता दें कि वयस्कों से ज्यादा छोटे बच्चों को वायु प्रदूषण से खतरा है।

दूषित हवा में सांस लेने के कारण उनके फेफड़ों में सूजन और इन्फेक्शन हो सकता है, जो काफी खतरनाक है। इसलिए बच्चों को खासकर 1-5 वर्ष की उम्र के बच्चों को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए, उनका खास ध्यान रखना जरूरी है। वयस्कों की तुलना में बच्चे ज्यादा तेजी से सांस लेते हैं। इसके कारण हवा में मौजूद प्रदूषक बच्चों के शरीर में ज्यादा मात्रा में प्रवेश करते हैं।

आपको बता दें कि हवा में मौजूद प्रदूषक फेफड़ों को पार करके खून में मिल सकते हैं और शरीर के अन्य अंगों तक भी पहुंच सकते हैं। बच्चों के लिए यह कंडीशन काफी हानिकारक हो सकती है। बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और फेफड़े भी पूरी तरह विकसित नहीं हुए होते हैं, जिसकी वजह से उनकी सेहत को ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इसलिए इस बढ़ते प्रदूषण में उनका कैसे ख्याल रखना चाहिए , ये जानने के लिए हमने डॉ. सौरभ खन्ना (सी.के. बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम के नीयोनैटोलॉजी और पीडियाट्रिक्स विभाग के लीड कंसल्टेंट) से बात की। आइए जानें उन्होंने क्या बताया।

  • बाहर न जाने दें- बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए उन्हें बाहर न जाने दें। कोशिश करें कि वो घर के अंदर ही रहें, खासकर सुबह और शाम के समय, क्योंकि इस वक्त प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है।
  • एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें- घर की हवा को शुद्ध रखने के लिए घर में। साथ ही, खिड़की और दरवाजों को बंद करके रखें, ताकि बाहर की हवा भीतर न आए।
  • मास्क लगाएं- बच्चों को अगर किसी वजह से बाहर जाना भी पड़े, तो उन्हें N95 मास्क लगाकर ही भेजें। मास्क लगाने से कम प्रदूषक सांस के जरिए शरीर में जाते हैं।
  • हेल्दी खाना- बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत बनाना भी बेहद जरूरी है। इसके लिए उनकी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स, जैसे- फल, सब्जियां, विटामिन-सी और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें खिलाएं।
  • हाइड्रेटेड रखें- बच्चों के शरीर में पानी की कमी न होने दें। पानी की कमी के कारण गले में म्यूकस की परत मोटी होने लगती है। इस वजह से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसलिए उन्हें भरपूर मात्रा में पानी पिलाएं। साथ ही, पानी पीने से मिलती है।
  • घर में एक्सरसाइज- बच्चों को हेल्दी रखने के लिए घर में ही उन्हें एक्सरसाइज करने के लिए कहें। एक्सरसाइज करने से फेफड़े मजबूत बनते हैं और शरीर हेल्दी रहता है। हालांकि, इसके लिए उन्हें घर से बाहर न जाने दें।
  • लक्षणों पर ध्यान दें- खांसी, सीने में घर्घराहट और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों पर ध्यान दें। अगर बच्चें में ये लक्षण नजर आएं, तो तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें।
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