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Friday, October 31, 2025

“भारत बना AI निवेश का वैश्विक हब: 2023 में $1.4 बिलियन निवेश के साथ टॉप-10 देशों में शामिल — यूएन रिपोर्ट में खुलासा”

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संयुक्त राष्ट्र (UN) की नवीनतम “Technology and Innovation Investment Report 2025” के अनुसार, भारत अब दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल हो गया है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) में सबसे अधिक निजी निवेश आकर्षित कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2023 में भारत में एआई सेक्टर में कुल $1.4 बिलियन (लगभग ₹11,600 करोड़) का निवेश हुआ। यह आंकड़ा भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि इससे देश की स्थिति वैश्विक टेक्नोलॉजी मानचित्र पर और मजबूत हुई है।

AI निवेश में भारत की उभरती ताकत

भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़े निवेश पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं। जहां 2019 में यह निवेश लगभग $300 मिलियन था, वहीं 2023 में यह बढ़कर चार गुना से अधिक हो गया। यह रुझान बताता है कि भारत केवल उपभोक्ता देश नहीं, बल्कि अब एक वैश्विक एआई नवाचार केंद्र (AI Innovation Hub) के रूप में उभर रहा है। विशेष रूप से हेल्थकेयर, एग्रीटेक, फिनटेक, एजुकेशन और गवर्नेंस सेक्टरों में स्टार्टअप्स ने एआई-आधारित समाधान विकसित किए हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान भारत की ओर आकर्षित हुआ है।

सरकारी नीतियों की भूमिका

भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में ‘Digital India 2.0’, ‘AI for All’ और ‘National AI Mission’ जैसी योजनाओं को बढ़ावा दिया है। इन योजनाओं का उद्देश्य देश में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा सेंटर, क्लाउड प्लेटफॉर्म और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सुविधाएँ विकसित करना है। नीति आयोग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संयुक्त रूप से AI Excellence Centers स्थापित किए हैं, जो शोध, प्रशिक्षण और उद्योगों के साथ सहयोग को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके अलावा, सरकार ने शिक्षा संस्थानों में एआई आधारित कोर्सेज को अनिवार्य करने की दिशा में भी कदम उठाया है, जिससे युवाओं में तकनीकी ज्ञान और नवाचार की भावना को बढ़ावा मिल रहा है।

निजी क्षेत्र और स्टार्टअप्स की भूमिका

भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने एआई निवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। Bengaluru, Hyderabad, Pune, और Gurugram जैसे शहर अब एआई स्टार्टअप क्लस्टर्स के रूप में जाने जा रहे हैं। कई भारतीय कंपनियाँ जैसे Tata Elxsi, Tech Mahindra, Infosys, Zoho और Freshworks ने एआई आधारित उत्पाद और सेवाएँ विकसित की हैं जो वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। साथ ही, Google, Microsoft, Amazon, और Nvidia जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ भी भारत में एआई अनुसंधान केंद्र स्थापित कर रही हैं।

AI निवेश से रोजगार और अर्थव्यवस्था को लाभ

विशेषज्ञों के अनुसार, 2025 तक भारत में AI और संबंधित तकनीकों से लगभग 20 लाख नई नौकरियाँ बनने की संभावना है। डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, और ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही, एआई से उत्पादन क्षमता, कृषि उत्पादकता, स्वास्थ्य सेवाएँ और सार्वजनिक प्रशासन में भी सुधार देखा जा रहा है।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की स्थिति

रिपोर्ट बताती है कि एआई निवेश के मामले में अमेरिका पहले स्थान पर है, जबकि चीन, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान शीर्ष 5 देशों में शामिल हैं। भारत इस सूची में नवां स्थान हासिल कर चुका है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यदि भारत ने इसी रफ्तार से एआई अनुसंधान और निवेश को जारी रखा, तो 2030 तक वह टॉप-5 देशों में शामिल हो सकता है।

भविष्य की संभावनाएँ

भारत का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में AI एक्सपोर्ट इकॉनमी को $10 बिलियन तक पहुंचाने का है। सरकार और उद्योग जगत मिलकर ऐसे प्लेटफॉर्म बना रहे हैं जहां भारतीय नवाचारों को वैश्विक पहचान मिले। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत यदि नैतिक एआई (Ethical AI) और डेटा सुरक्षा कानूनों को सही ढंग से लागू करता है, तो वह दुनिया के लिए एक भरोसेमंद एआई पार्टनर बन सकता है।

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