भारत अब केवल एक सॉफ्टवेयर सर्विस हब नहीं रहा, बल्कि वह तेजी से एआई (Artificial Intelligence) और टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है। विदेशी कंपनियाँ जैसे Google, Microsoft, Amazon, NVIDIA, Lam Research और Intel भारत में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। इन निवेशों का लक्ष्य भारत को “Global Tech Powerhouse” के रूप में स्थापित करना है।
भारत में तकनीकी निवेश की नई लहर
पिछले कुछ महीनों में भारत सरकार द्वारा टेक्नोलॉजी सेक्टर में सुधार और निवेश के लिए जो नीतियाँ लागू की गई हैं, उनके सकारात्मक नतीजे अब दिखने लगे हैं। “Digital India Mission 2.0” और “Semiconductor Manufacturing Policy” जैसी योजनाओं के तहत देश में न केवल उत्पादन बढ़ा है, बल्कि रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) के क्षेत्र में भी अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ा है। हाल ही में Google ने भारत में $15 बिलियन के निवेश की घोषणा की है। इसके तहत विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) में एआई डेटा सेंटर और क्लाउड हब स्थापित किया जाएगा। वहीं, Microsoft और Amazon Web Services (AWS) भी भारत में अपने क्लाउड नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं, जिससे देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिल रही है।
एआई और सेमीकंडक्टर उद्योग में बड़ा विस्तार
Lam Research और Micron Technology जैसी कंपनियाँ भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयाँ स्थापित कर रही हैं। कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों को इस उद्योग के लिए रणनीतिक केंद्र के रूप में चुना गया है। इससे भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और एआई चिप डिज़ाइन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मदद मिलेगी। भारत सरकार का लक्ष्य 2030 तक $300 बिलियन इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन और $100 बिलियन चिप एक्सपोर्ट हासिल करना है। इन लक्ष्यों को पूरा करने में विदेशी साझेदारी एक प्रमुख भूमिका निभा रही है।
“Hi-Tech Handshake” से बढ़ा वैश्विक भरोसा
हाल ही में आयोजित “Hi-Tech Handshake 2025” कार्यक्रम में अमेरिका, जापान, और दक्षिण कोरिया सहित कई देशों की टेक कंपनियों ने भारत के साथ दीर्घकालिक साझेदारी की प्रतिबद्धता जताई। इस मीटिंग के बाद भारत को एक स्थिर और सुरक्षित निवेश गंतव्य के रूप में और अधिक भरोसेमंद माना जा रहा है। भारत की टेक-टैलेंट और कम लागत वाले नवाचार मॉडल ने विदेशी कंपनियों को आकर्षित किया है। भारत के इंजीनियर और एआई शोधकर्ता अब विश्व स्तर पर अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
रोजगार और स्टार्टअप्स को नया बल
टेक निवेश की इस लहर से लाखों नए रोजगार पैदा होने की संभावना है। आईटी, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी, और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में युवाओं के लिए अवसर बढ़ेंगे।भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। छोटे और मध्यम स्टार्टअप अब वैश्विक सप्लाई चेन में शामिल हो सकेंगे, जिससे निर्यात और विदेशी मुद्रा दोनों में बढ़ोतरी होगी।
भारत की दिशा अब साफ है — वह केवल एक डिजिटल उपयोगकर्ता नहीं, बल्कि डिजिटल क्रिएटर नेशन के रूप में उभर रहा है। विदेशी टेक दिग्गजों के बड़े निवेश, सरकारी नीतिगत सहयोग, और देश की युवा तकनीकी प्रतिभा मिलकर भारत को एआई, डेटा और क्लाउड टेक्नोलॉजी का केंद्र बना रहे हैं। आने वाले वर्षों में भारत का नाम “World’s Tech Backbone” के रूप में लिया जाना अब सिर्फ कल्पना नहीं, बल्कि वास्तविकता बनने की ओर अग्रसर है।

 
                                    







