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Saturday, November 1, 2025

भारत की आर्थिक वृद्धि का नया आधार: ऊर्जा और समुद्री क्षेत्र बने विकास के इंजन — हरदीप सिंह पुरी ने बताई सरकार की रणनीति

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केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि का असली आधार अब ऊर्जा और समुद्री क्षेत्र बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार आने वाले वर्षों में पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, शिपिंग सेक्टर, और ब्लू इकॉनमी को गति देने के लिए कई बड़े कदम उठाने जा रही है। पुरी के अनुसार, भारत की आर्थिक नीतियों में अब समुद्री क्षेत्र का योगदान तेजी से बढ़ रहा है, और यह आने वाले दशक में भारत की GDP वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभाएगा।

ऊर्जा और समुद्री क्षेत्र से बनेगा विकास का ‘डबल इंजन’

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का 87% आयात करता है, लेकिन सरकार का लक्ष्य 2030 तक आयात निर्भरता में 10% की कमी लाना है।उन्होंने बताया कि भारत अब ग्रीन एनर्जी, बायोफ्यूल, हाइड्रोजन, और ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर रहा है। “हमारा लक्ष्य है कि भारत 2040 तक ऊर्जा उत्पादन में विश्व के शीर्ष तीन देशों में शामिल हो,” — हरदीप सिंह पुरी

पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और शिपिंग सेक्टर में सुधार

पुरी ने बताया कि भारत के बंदरगाह अब स्मार्ट पोर्ट टेक्नोलॉजी से लैस किए जा रहे हैं। सागरमाला परियोजना के तहत देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों को डिजिटल कनेक्टिविटी, आधुनिक वेयरहाउसिंग और ग्रीन एनर्जी सपोर्ट से जोड़ा जाएगा। भारत की योजना है कि 2030 तक पोर्ट हैंडलिंग क्षमता को दोगुना किया जाए, जिससे न केवल निर्यात बढ़ेगा बल्कि 3 लाख से अधिक रोजगार भी उत्पन्न होंगे।

ब्लू इकॉनमी से नए अवसर

भारत की ब्लू इकॉनमी यानी समुद्री संसाधनों पर आधारित अर्थव्यवस्था अब GDP में लगभग 4% योगदान दे रही है।सरकार का लक्ष्य है कि 2035 तक इसे 10% तक बढ़ाया जाए। पुरी ने कहा कि मछली पालन, समुद्री पर्यटन, ऑफशोर खनन और समुद्री जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में बड़े निवेश आकर्षित किए जा रहे हैं। “ब्लू इकॉनमी न सिर्फ आर्थिक विकास का माध्यम है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास का मार्ग भी है।”

वैश्विक साझेदारी और निवेश

भारत ने नॉर्वे, जापान, और UAE जैसे देशों के साथ मिलकर समुद्री सहयोग समझौते किए हैं। इन साझेदारियों से भारत को टेक्नोलॉजी, निवेश और स्किल डेवलपमेंट में सहयोग मिलेगा। पुरी ने कहा कि “भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक Maritime Power के रूप में उभर रहा है, और यह न केवल रक्षा बल्कि व्यापार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

निवेशकों और उद्योग जगत की उम्मीदें

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऊर्जा और समुद्री क्षेत्र में निवेश से आने वाले पांच वर्षों में भारत की GDP वृद्धि में 1.5% की अतिरिक्त बढ़त देखी जा सकती है। बड़े निवेशक जैसे Adani Ports, ONGC, और Reliance Energy पहले ही नए प्रोजेक्ट्स में प्रवेश कर चुके हैं।

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