HomeBREAKING NEWSअंतरिक्ष में भारत की उड़ान: वीनस मिशन को मोदी कैबिनेट की मंजूरी,...

अंतरिक्ष में भारत की उड़ान: वीनस मिशन को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, चंद्रयान-मंगलयान की सफलता के बाद विश्व की नजर पर

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी  की अध्यक्षता में अंतरिक्ष से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों सहित ‘वीनस ऑर्बिटर मिशन को मंजूरी दी। इस मिशन में मंगलयान की तरह शुक्र ग्रह पर भी एक ऑर्बिटर भेजा जाएगा, जो उसके वायुमंडल, तापमान, सतह और मौसम आदि की स्टडी करेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन फैसलों की जानकारी दी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद दुनिया की एक बार फिर नजर  पर आ टिकी है।

शुक्र ऑर्बिटर मिशन”  के लिए स्वीकृत कुल निधि 1236 करोड़ रुपये है, जिसमें से 824.00 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान पर खर्च किए जाएंगे। लागत में अंतरिक्ष यान का विकास और निर्माण शामिल है, जिसमें इसके विशिष्ट पेलोड और प्रौद्योगिकी तत्व, नेविगेशन और नेटवर्क के लिए वैश्विक ग्राउंड स्टेशन समर्थन लागत और साथ ही लॉन्च वाहन की लागत शामिल है।

- Advertisement -

गौरतलब हो, यह मिशन भारत को भविष्य के ग्रहों के मिशनों के लिए बड़े पेलोड, इष्टतम कक्षा प्रविष्टि दृष्टिकोण के साथ सक्षम करेगा। अंतरिक्ष यान और प्रक्षेपण यान के विकास के दौरान भारतीय उद्योग की महत्वपूर्ण भागीदारी होगी। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी और छात्रों को लॉन्च से पहले के चरण में प्रशिक्षण देने की भी परिकल्पना की गई है जिसमें डिजाइन, विकास, परीक्षण, परीक्षण डेटा में कमी, अंशांकन आदि शामिल हैं। अपने अनूठे उपकरणों के माध्यम से यह मिशन भारतीय विज्ञान समुदाय को नए और मूल्यवान विज्ञान डेटा प्रदान करता है और इस प्रकार उभरते और नए अवसर प्रदान करता है।

वीनस ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) का उद्देश्य वैज्ञानिक अन्वेषण करना, शुक्र ग्रह के वायुमंडल, भूविज्ञान को बेहतर ढंग से समझना तथा इसके घने वायुमंडल की जांच करके बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक आंकड़े जुटाना है। 

यानी चंद्रमा और मंगल के बाद भारत के वैज्ञानिकों की नजर अब शुक्र के लक्ष्य पर है। यह चंद्रमा और मंगल से परे शुक्र ग्रह की खोज और अध्ययन के सरकार के दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। शुक्र ग्रह पृथ्वी के सबसे निकट का ग्रह है और माना जाता है कि इसका निर्माण पृथ्वी के समान परिस्थितियों में हुआ था, यह समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है कि ग्रहों का वातावरण किस तरह से बहुत अलग तरीके से विकसित हो सकता है।

Must Read

spot_img