भारत सरकार ने ट्रांसपोर्ट सेक्टर में सुधार और निगरानी को मजबूत करने के लिए नई केंद्रीय एजेंसी बनाने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य राज्य और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना और देश के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित बनाना है। अधिकारी बताते हैं कि इस कदम से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और माल एवं लॉजिस्टिक संचालन में सुधार आएगा।
एजेंसी का उद्देश्य
नई केंद्रीय एजेंसी का मुख्य काम ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की निगरानी और योजना निर्माण होगा। इसमें शामिल हैं:
राज्य और केंद्र के बीच योजनाओं का समन्वय और क्रियान्वयन सड़क और रेलवे नेटवर्क की डिजिटल निगरानी लॉजिस्टिक संचालन और माल ढुलाई की प्रभावशीलता बढ़ाना सरकारी सूत्रों का कहना है कि एजेंसी से ट्रांसपोर्ट सेक्टर की योजना और निगरानी में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर में सुधार
सरकार की योजना है कि डिजिटल निगरानी, GPS और स्मार्ट मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए ट्रांसपोर्ट सेक्टर को और अधिक सुरक्षित, तेज और कुशल बनाया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे यात्रियों और माल ढुलाई दोनों में सुधार होगा और लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी।
संभावित लाभ
- बेहतर यातायात प्रबंधन: सड़क और रेल यातायात में सुधार और समय की बचत।
- लॉजिस्टिक की दक्षता: माल ढुलाई तेज और सुरक्षित।
- राज्य-केन्द्र समन्वय: योजनाओं का प्रभावी और पारदर्शी क्रियान्वयन।
- सुरक्षा बढ़ाना: डिजिटल मॉनिटरिंग से दुर्घटनाओं में कमी।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ मानते हैं कि नई केंद्रीय एजेंसी ट्रांसपोर्ट सेक्टर में गेम-चेंजर साबित होगी। इससे न केवल यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। डिजिटल और स्मार्ट निगरानी से लॉजिस्टिक, ई-कॉमर्स और व्यवसायिक गतिविधियों में सुधार की उम्मीद है।