केरल में विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। अब इस मामले में Supreme Court ने बड़ा फैसला लिया है। अदालत ने कहा कि वह फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं देगी और पहले एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करेगी।
मामला क्या है?
केरल सरकार और राज्यपाल के बीच कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर टकराव चल रहा है। राज्यपाल का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियमों के अनुसार होनी चाहिए। वहीं, राज्य सरकार का तर्क है कि यह राज्य का अधिकार क्षेत्र है और केंद्र के नियम थोपे नहीं जा सकते।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला संवेदनशील है और शिक्षा प्रणाली से जुड़ा हुआ है, इसलिए किसी भी तरह का फैसला लेने से पहले विशेषज्ञों की राय जरूरी है। अदालत ने साफ किया कि जब तक रिपोर्ट नहीं आती, तब तक नियुक्ति प्रक्रिया पर निगरानी रखी जाएगी।
क्यों है विवाद अहम?
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कुलपतियों की नियुक्ति राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच अधिकारों की लड़ाई बन गई है।
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UGC नियम बनाम राज्य के अधिकार का मुद्दा सीधे शिक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है।
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अगर केंद्र और राज्य की नीतियों में सामंजस्य नहीं बैठा, तो विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर असर पड़ सकता है।
आगे क्या होगा?
अब सभी की नजर एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट पर है। रिपोर्ट आने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार किसके पास रहेगा और भविष्य में नियम क्या होंगे।
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