छठ पूजा को बिहार झारखंड और उत्तर प्रदेश का महापर्व कहा जाता है। इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ पूजा के गीत गाए जाते हैं प्रसाद बनता है और घाटों को अर्घ्य देने के लिए सुंदर तरीके से सजाया जाता है। हालांकि छठ घाट पर डुबकी लगाने से पहले आपको जरूरी बातें जान लेनी चाहिए।
- छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक मनाया जाएगा।
- इस पर्व में घाट पर जाकर डुबकी लगाते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।
- छठ घाट पर डुबकी लगाने से पहले कुछ बातों के बारे में जान लें।
बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड का महापर्व छठ पूजा 5 नवंबर से शुरू होकर 8 नवंबर को समाप्त हो जाएगा। 5 तारीख को नहाय-खाय, 6 नवंबर को खरना, 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 8 नवंबर को सुबह अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन किया जाएगा। चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। इस दौरान ठेकुआ, मौसमी फलों आदि को प्रसाद के रूप में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और 36 घंटे का निर्जला उपवास रखा जाता है। इसलिए इसे सबसे कठिन व्रत माना जाता है।
आपको बता दें कि सूर्यास्त और सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के लिए पानी में उतरा जाता है। इसके लिए नदी, तालाब आदि का रुख किया जाता है। कई लोग पार्क आदि में बने छोटे तालाबों में भी अर्घ्य देने जाते हैं। इसके लिए इन घाटों को सुंदर ढंग से सजाया जाता है, जिसका मनोहर दृश्य सभी का दिल जीत लेता है। हजारों की तादाद में लोग इन घाटों पर अर्घ्य देने के लिए इकट्ठा होते हैं।
हालांकि, इन तालाबों या नदी का पानी अगर दूषित हो, तो इसके कारण सेहत को काफी नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, पानी के तेज बहाव या गहराई के कारण भी दुर्घटना होने का खतरा रहता है। इसलिए जरूरी है कि छठ पूजा के दौरान आप कुछ बातों का ध्यान रखें, जिससे आप अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकें। आइए जानें।