गुप्त नवरात्र का हिंदुओं के बीच बड़ा धार्मिक महत्व है। इस दौरान भक्त नौ दिनों और नौ रातों तक कठिन उपवास का पालन करते हैं और समर्पण भाव के साथ देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। नवरात्र एक साल में चार बार आती है – चैत्र और शारदीय नवरात्र। बाकी दो माघ और आषाढ़ के दौराम आती हैं, जिन्हें गुप्त नवरात्र के रूप में जाना जाता है। इस साल माघ महीने के गुप्त नवरात्र की शुरुआत 30 जनवरी, 2025 को होगा, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि 29 जनवरी, 2025 को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 30 जनवरी को शाम 4 बजकर 1 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए माघ गुप्त नवरात्र 30 जनवरी, 2025 दिन गुरुवार से शुरू होगी। 30 जनवरी को माघ गुप्त नवरात्र की कलश स्थापना का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- पूजा घर की अच्छी तरह से सफाई करें।
- एक वेदी लें और उस पर देवी की प्रतिमा स्थापित करें।
- कलश स्थापना मुहूर्त के अनुसार करें।
- देसी घी का दीपक जलाएं और गुड़हल के फूलों की माला अर्पित करें।
- सिंदूर अर्पित करें।
- पंचामृत, नारियल चुनरी, फल मिठाई आदि का भोग लगाएं।
- पूजा का समापन आरती से करें।
- इस पवित्र अवधि में तामसिक भोजन से दूर रहें।
- अंत में माता रानी से क्षमा मांगे।