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विदेशों में मेक इन इंडिया iPhone की धाक 6 बिलियन डॉलर के आईफोन हुए एक्सपोर्ट

पिछले साल की तुलना में एपल के iPhone एक्सपोर्ट में वृद्धि हुई है। भारत में बड़े स्तर पर आईफोन का प्रोडक्शन किया जा रहा है। देश में फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप पेगाट्रॉन कॉर्प और घरेलू टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स आईफोन असेंबल करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एपल ने विदेशों में 6 बिलियन डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए हैं जो पिछले साल की तुलना में अधिक है।

  1. एपल के आईफोन एक्सपोर्ट में हुई वृद्धि
  2. विदेशों में ‘मेक इन इंडिया’ का जलवा
  3. पिछले महीने लॉन्च हुई आईफोन 16 सीरीज
एपल भारत में बड़े स्तर पर iPhone का प्रोडक्शन कर रहा है। चीन की बजाय कंपनी भारत को तरजीह दे रही है। पिछले महीने यानी सितंबर तक भारत से बड़े पैमाने पर एपल ने विदेशों में आईफोन एक्सपोर्ट किए। पिछले कुछ समय में आईफोन एक्सपोर्ट में एक तिहाई की बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है और भारत में एपल का बाजार भी बड़ा हो गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, एपल ने विदेशों में 6 बिलियन डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए हैं, जो पिछले साल की तुलना में एक तिहाई ज्यादा है। इससे यह भी पता चलता है कि कंपनी का एक्सपोर्ट मौजूदा वित्त वर्ष में 10 बिलियन डॉलर को पार कर सकता है। एपल देश में अपने मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क का लगातार विस्तार कर रहा है। चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कंपनी की कोशिश भारत में अपना मजबूत नेटवर्क बिछाना है।
बता दें भारत में तीन सप्लायर्स मुख्यतौर पर आईफोन का प्रोडक्शन करते हैं, जिनमें ताइवान का फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, पेगाट्रॉन कॉर्प और घरेलू टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। ये सभी दक्षिण भारत में आईफोन असेंबल करते हैं।चेन्नई के बाहरी इलाके में स्थित फॉक्सकॉन की लोकल यूनिट सबसे बड़ी एपल आईफोन सप्लायर है और एक्सपोर्ट में इसका आधे से ज्यादा हिस्सा है। जानकारी के मुताबिक, अप्रैल से सितंबर तक टाटा ग्रुप इलेक्ट्रॉनिक्स ने 1.7 बिलियन डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए। ये आईफोन कर्नाटक की फैक्ट्री से एक्सपोर्ट किए गए। 

वर्तमान में भले ही एपल देश में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग से लेकर नए स्टोर खोलने तक में तेजी से विस्तार कर रहा है, लेकिन अभी भी उसकी हिस्सेदारी मार्केट में सिर्फ 7 प्रतिशत ही है। भारत में शाओमी, ओप्पो और वीवो जैसे चीनी ब्रांड्स ने ज्यादातर मार्केट में कब्जा जमा रखा है, साथ ही ग्लोबली भी एपल का मार्केट छोटा ही है। हालांकि उसके कई फैसले ऐसे हैं, जो इसमें उसे ऊंची छलांग लगाने में मदद कर सकते हैं।

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