Microsoft H-1B Visa Salary: माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की उन कंपनियों में से एक है, जो H-1B वीज़ा धारकों को सबसे ज्यादा सैलरी देती है। यहां काम करने वाले प्रोफेशनल्स सीधे लाखों से नहीं बल्कि करोड़ों की कमाई तक पहुंच जाते हैं। आइए जानते हैं किस पोस्ट पर कितनी सैलरी मिलती है।
माइक्रोसॉफ्ट और H-1B वीज़ा की कहानी
अमेरिका में टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियां हर साल हजारों विदेशी कर्मचारियों को H-1B वीज़ा पर काम करने का मौका देती हैं। माइक्रोसॉफ्ट उनमें से एक बड़ा नाम है। यहां भारतीय प्रोफेशनल्स की भी अच्छी खासी मौजूदगी है। कंपनी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड तक, हर क्षेत्र में स्किल्ड टैलेंट को ऊंची सैलरी देती है।
किस पद पर कितनी सैलरी?
माइक्रोसॉफ्ट में अलग-अलग रोल्स पर H-1B वीज़ा धारकों की सैलरी इतनी है कि सुनकर कोई भी चौंक सकता है।
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सॉफ्टवेयर इंजीनियर – सालाना औसतन 1.1 करोड़ से 1.3 करोड़ रुपये
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डेटा साइंटिस्ट – करीब 1.2 करोड़ से 1.4 करोड़ रुपये
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क्लाउड सॉल्यूशन आर्किटेक्ट – लगभग 1.3 करोड़ से 1.5 करोड़ रुपये
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प्रोडक्ट मैनेजर – 1.2 करोड़ से 1.4 करोड़ रुपये
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सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर – 1.3 करोड़ से 1.7 करोड़ रुपये
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टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर – 1.1 करोड़ से 1.3 करोड़ रुपये
इतनी ज्यादा सैलरी क्यों?
टेक इंडस्ट्री में टैलेंट की जबरदस्त डिमांड है। खासकर क्लाउड, एआई और बिग डेटा जैसे फील्ड्स में कंपनियां स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए मोटे पैकेज ऑफर करने से पीछे नहीं हटतीं। माइक्रोसॉफ्ट की खासियत यह है कि वह कर्मचारियों को सिर्फ सैलरी ही नहीं, बल्कि स्टॉक ऑप्शंस और दूसरे बेनिफिट्स भी देती है। यही वजह है कि यहां काम करने वाले लोग कुछ ही सालों में करोड़पति बन जाते हैं।
नतीजा
माइक्रोसॉफ्ट की सैलरी स्ट्रक्चर यह साबित करता है कि टेक स्किल्स और मेहनत के दम पर विदेश में शानदार करियर बनाया जा सकता है। H-1B वीज़ा पर अमेरिका जाने वालों के लिए यह कंपनी किसी ड्रीम जॉब से कम नहीं।
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