नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा में आव्रजन एवं विदेशी विधेयक पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य भारत के मौजूदा आव्रजन कानून को आधुनिक और मजबूत बनाना है। इसकी मदद से अवैध घुसपैठियों से निपटने और निर्धारित सीमा से अधिक समय तक रहने वाले विदेशियों पर नजर रखना आसान होगा। बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से भारत में अवैध घुसपैठ की समस्या विकराल हुई है। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ सबसे बड़ा मुद्दा है। इससे न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बल्कि संसाधनों पर भी बोझ पड़ने का डर है।
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पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम- 1920।
विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम- 1939।
विदेशी अधिनियम- 1946।
आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम- 2000।
- विधेयक के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति ने वैध दस्तावेज के बिना भारत में घुसपैठ की तो उसे बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने का प्राविधान है। अब भारत आने पर विदेशी नागरिकों को तुरंत संबंधित पंजीकरण अधिकारी के पास अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।
- नए विधेयक में यह भी प्राविधान है कि विदेशी व्यक्ति के बारे में जानकारी संबंधित संस्था पंजीकरण अधिकारियों को देंगी। अगर कोई विदेशी नागरिक किसी अस्पताल, होटल या अन्य संस्थान में है तो इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को देने की जिम्मेदारी उस संस्था की होगी। विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों पर भी यह नियम लागू होगा।
- अगर कोई विदेशी नागरिक बिना वैध दस्तावेज के भारत में प्रवेश करता है तो उसे पांच साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। अगर पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज जाली हैं तो 1 से 10 लाख रुपये तक जुर्माने लग सकता है। मौजूदा पासपोर्ट अधिनियम के तहत अगर कोई विदेशी शख्स बिना वैध पासपोर्ट प्रवेश करता है तो 5 साल की जेल या 50 हजार रुपये जुर्माना या दोनों का प्राविधान है।
- नए विधेयक में वैध दस्तावेज के बिना भारत में अवैध लोगों को लाने वाले वाहक पर 2 से 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्राविधान है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में आव्रजन अधिकारी जहाज या वाहक से जुड़ी संपत्ति को जब्त कर वसूली करेंगे। मौजूदा आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम- 2000 के तहत वाहक पर एक लाख रुपये तक के जुर्माने का ही प्राविधान है।