प्रयागराज।’ महाकुंभ के समापन पर पीएम मोदी ने ब्लॉग लिखा है। उन्होंने लिखा- एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। जब एक राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब वो सैकड़ों साल की गुलामी की मानसिकता के सारे बंधनों को तोड़कर नव चैतन्य के साथ हवा में सांस लेने लगता है, तो ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता, जैसा हमने महाकुंभ में देखा।
मोदी ने लिखा- इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। मां गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रार्थना करता हूं कि अगर हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा। श्रद्धालुओं की सेवा में भी अगर हमसे कुछ कमी रह गई हो, तो जनता का क्षमाप्रार्थी हूं।
पीएम ने सीएम योगी की तारीफ की। कहा- उनके नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर, इस एकता के महाकुंभ को सफल बनाया। केंद्र हो या राज्य, यहां ना कोई शासक था, ना कोई प्रशासक था, हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था।
पीएम ने कहा- आजादी के बाद भारत की इस शक्ति के विराट स्वरूप को अगर हमने जाना होता और इस शक्ति को सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की ओर मोड़ा होता, तो ये गुलामी के प्रभावों से बाहर निकलते भारत की बहुत बड़ी शक्ति बन जाती, लेकिन हम तब ये नहीं कर पाए।`1