नारायणपुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के Narayanpur जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सोमवार को सुरक्षाबलों ने एक लंबे ऑपरेशन के बाद नक्सलियों के दो बड़े नेताओं को मार गिराया। दोनों नक्सली 40-40 लाख रुपये के इनामी थे और इनकी तलाश कई राज्यों की पुलिस को थी।
कौन थे मारे गए नक्सली?
मारे गए नक्सलियों की पहचान राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई है। दोनों प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य थे। इनके ऊपर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40-40 लाख का इनाम घोषित किया था, जबकि तेलंगाना और महाराष्ट्र में भी अलग से इनाम रखा गया था।
कैसे हुई मुठभेड़?
नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि सुरक्षाबलों को अबूझमाड़ जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद तलाशी अभियान चलाया गया। सुबह होते ही नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी।
करीब 3 घंटे तक दोनों ओर से भारी गोलीबारी चली। इस दौरान बस्तर डीआरजी (District Reserve Guard), बस्तर फाइटर्स और एसटीएफ के जवानों ने मिलकर नक्सलियों को घेर लिया। आखिरकार सुरक्षाबलों ने दोनों टॉप नक्सली लीडरों को मार गिराया।
क्या-क्या मिला घटनास्थल से?
सर्च ऑपरेशन में जवानों को नक्सलियों के शवों के साथ-साथ बड़ी मात्रा में हथियार और सामान बरामद हुआ। इनमें शामिल हैं:
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एक AK-47 राइफल
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एक INSAS राइफल
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एक बीजीएल लॉन्चर
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भारी मात्रा में विस्फोटक
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माओवादी साहित्य और दैनिक उपयोग की वस्तुएं
पुलिस ने क्या कहा?
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने इस कार्रवाई को नक्सलियों के खिलाफ एक निर्णायक झटका बताया। उन्होंने कहा –
“माओवादी गतिविधियां अब अपने अंत की ओर बढ़ रही हैं। यह सही समय है कि माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और मुख्यधारा में लौटें।”
मुश्किल हालात में भी डटे रहे जवान
अधिकारियों के मुताबिक, मुठभेड़ जिस इलाके में हुई, वह सुरक्षाबलों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। लेकिन पहले से बनाई गई रणनीति और जवानों की बहादुरी के दम पर इस ऑपरेशन को सफल बनाया गया।