छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा को ‘मिनी माता भवन’ नाम देने की मांग जोर पकड़ने लगी है। सतनामी समाज के युवाओं ने इस संबंध में विपक्षी दलों से आगामी विधानसभा सत्र में मुद्दा उठाने का आग्रह किया है। युवाओं का कहना है कि मिनी माता ने सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और दलित उत्थान के लिए ऐतिहासिक योगदान दिया, जिसे सम्मान मिलना चाहिए।
सतनामी समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि मिनी माता न केवल प्रदेश बल्कि देश की राजनीति में एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व रहीं। वे छत्तीसगढ़ से पहली महिला सांसदों में शामिल थीं और समाज के वंचित वर्गों की आवाज मजबूती से संसद तक पहुंचाई। नई विधानसभा भवन का नाम उनके नाम पर रखने से आने वाली पीढ़ियों को उनके संघर्ष और विचारधारा से प्रेरणा मिलेगी।
युवाओं ने विपक्ष से मांग की कि वह इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सदन में प्रस्ताव रखे और सरकार पर निर्णय लेने का दबाव बनाए। उन्होंने कहा कि यह मांग किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं, बल्कि सामाजिक सम्मान और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने की भावना से जुड़ी हुई है।








