नई दिल्ली। खुदरा के बाद अब थोक महंगाई में भी थोड़ी नरमी आई है। कच्चे और खाद्य तेलों
सहित वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में कुछ नरमी के बीच, भारत की थोक महंगाई
(WPI) जून में 15.18% पर आ गई। हालात में सुधार तो हुए हैं लेकिन अब भी यह
आंकड़े 30 साल के उच्चतम स्तर पर हैं। वहीं, ये लगातार 15वां महीना है जब
थोक महंगाई के आंकड़े दो अंकों में आए हैं। आपको बता दें कि मई में भी थोक महंगाई दर तीन दशक के उच्च स्तर 15.88%
पर थी। इस लिहाज से जून में मामूली गिरावट आई है। अगर जून 2021 से तुलना
करते हैं तो थोक महंगाई दर में इजाफा हुआ है। जून 2021 में थोक महंगाई
12.07% पर थी।जून 2022 में खाद्य
पदार्थों की कीमतें एक साल पहले की तुलना में14.39% बढ़ी हैं। सब्जियों में
मूल्य वृद्धि की दर 56.75% थी, जबकि आलू और फलों में मूल्य वृद्धि क्रमशः
39.38% और 20.33% थी। इसी तरह, ईंधन और बिजली की कीमतों में 40.38% की
वृद्धि हुई। जून में कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति
77.29% थी। जून में खुदरा महंगाई
मामूली घटकर 7.01 प्रतिशत रही, जो मई में 7.04% थी। वहीं, अप्रैल की बात
करें तो खुदरा महंगाई की दर 7.79% थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित
महंगाई में कमी के बावजूद यह लगातार छठे महीने आरबीआई के संतोषजनक स्तर से
ऊपर बनी हुई है।