नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) को लेकर यात्रियों और निवेशकों में उत्सुकता लगातार बनी हुई है, लेकिन ताज़ा जानकारी के अनुसार इस साल एयरपोर्ट पर विदेशी जहाज नहीं उतर पाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, और पूर्ण संचालन 2026 की शुरुआत तक ही संभव हो पाएगा। नोएडा एयरपोर्ट, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार और Zurich Airport International की साझेदारी में विकसित किया जा रहा है, देश के सबसे बड़े एविएशन प्रोजेक्ट्स में से एक है। इसकी कुल लागत लगभग ₹30,000 करोड़ आंकी गई है। फिलहाल रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टॉवर का काम तेज़ी से जारी है।
क्यों नहीं उतर पाएंगे विदेशी विमान?
एयरपोर्ट के सीईओ ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए आवश्यक कस्टम्स, इमिग्रेशन और सुरक्षा मंज़ूरी जैसी सुविधाएँ पूरी तरह तैयार नहीं हैं। पहले चरण में एयरपोर्ट पर केवल घरेलू उड़ानों की अनुमति दी जाएगी। विदेशी उड़ानों के लिए केंद्र सरकार से अंतिम मंज़ूरी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की क्लियरेंस अभी लंबित है।
संचालन कब शुरू होगा?
संभावना है कि नोएडा एयरपोर्ट से घरेलू उड़ानें 2025 के अंत तक शुरू हो जाएंगी, जबकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 2026 की शुरुआत में शुरू की जा सकती हैं। निर्माण एजेंसी का कहना है कि टेस्ट ऑपरेशन और रनवे ट्रायल नवंबर 2025 तक पूरे हो जाएंगे।
यात्रियों को क्या उम्मीद रखनी चाहिए?
यह एयरपोर्ट दिल्ली NCR क्षेत्र में बढ़ते यात्री दबाव को कम करेगा और IGI एयरपोर्ट के ट्रैफिक को संतुलित करेगा। पहली उड़ानें संभवतः मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता के लिए शुरू होंगी। आने वाले वर्षों में यह एयरपोर्ट दुबई, लंदन, सिंगापुर और बैंकॉक जैसी जगहों से भी सीधा कनेक्शन प्रदान करेगा।
सरकार की प्रतिक्रिया:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा कि नोएडा एयरपोर्ट राज्य की अर्थव्यवस्था में “गेम चेंजर” साबित होगा। उनका कहना है कि यह एयरपोर्ट न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराएगा।

 
                                    







