अधिसूचना के अनुसार यदि सवारी अपने साथ 0 से 5 किलोग्राम तक का सामान लेकर बस में सफर करती है तो उसे यात्री किराये का चौथा हिस्सा चुकाना होगा। इसका बाकायदा टिकट कटेगा। इसी तरह 6 से 40 किलोग्राम सामान पर यात्रि टिकट शुल्क का आधा टिकट और 41 से 80 किलोग्राम पर पूरा यात्री का किराया देना होगा।

यात्रियों के बिना अगर कोई यात्रि निगम बस में उक्त सामान भेजता है, तो ज्यादा किराया चुकता करना होगा। बिना यात्रि के 0 से 5 किलोग्राम तक यात्री टिकट का चौथा हिस्सा चुकाना पड़ेगा। 6 से 20 किलोग्राम सामाने भेजने पर यात्री टिकट का आधा किराया चुकाना पड़ेगा।

21 से 40 किलोग्राम तक सामान भेजने पर पूरा टिकट लगेगा। अगर सामान 41 से 80 किलोग्राम के बीच है, तो उस सामान की ढुलाई के लिए दो यात्रियों का किराया अदा करना होगा।

हिमाचल सरकार के इस कदम से अवश्य ही लोगों की जेब पर वजन पड़ेगा। ऐसे में लोगों की चिंता बढ़ गई है। ज्ञात हो कि हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट के बीच सुक्खू सरकार ने कुछ समय पहले टॉयलेट कर की भी बात सामने आई थी। हालांकि, बाद में इस प्रस्ताव पर को वापस ले लिया गया था। त्योहारी सीजन में सरकार के इस कदम से अब आम आदमी की समस्या पर बोझ और बढ़ गया है।