आजकल बाजार में बांस के टूथब्रश का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जाहिर तौर पर यह बदलाव पर्यावरण को लेकर बढ़ती जागरूकता का नतीजा है। प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर वैश्विक समस्या बन चुका है और प्लास्टिक के टूथब्रश इस समस्या को बढ़ाने में अपना बड़ा योगदान देते हैं। प्लास्टिक के टूथब्रश सैकड़ों सालों तक डिकम्पोज होते रहते हैं और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, लोग अब ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि आपकी दांतों की सफाई के लिहाज से कौन-सा ऑप्शन ज्यादा बेहतर साबित होता है।
बीते कुछ सालों में, बांस के टूथब्रश तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। ये टूथब्रश बांस से बने होते हैं, जो एक नेचुरल और रिन्यूएबल रिसोर्सेज है। बांस के टूथब्रश प्लास्टिक टूथब्रश की तुलना में ज्यादा एनवायरमेंट फ्रेंडली होते हैं क्योंकि ये बायोडिग्रेडेबल होते हैं और कम प्लास्टिक कचरे का उत्पादन करते हैं। प्लास्टिक, पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है। यह न केवल प्रदूषण फैलाता है बल्कि जल और जमीन को भी दूषित करता है।
इसके विपरीत, बांस के टूथब्रश एक एनवायरमेंट फ्रेंडली ऑप्शन हैं। इनका हैंडल बांस से बना होता है और ब्रिसल आमतौर पर नायलॉन या अन्य नेचुरल रेशों से। बांस तेजी से बढ़ता है और इसे उगाने के लिए कम संसाधनों की आवश्यकता होती है, जिससे यह एक टिकाऊ विकल्प बन जाता है। बांस का टूथब्रश दिखने में प्लास्टिक वाले टूथब्रश जैसा ही होता है लेकिन यह पर्यावरण के लिए बहुत बेहतर है।
अध्ययन बताते हैं कि दुनिया भर में हर साल 44.8 करोड़ टन से ज्यादा प्लास्टिक का प्रोडक्शन होता है, जो पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा है। प्लास्टिक का डिकम्पोजिशन हजारों साल तक चल सकता है, जिसके कारण यह समुद्रों, नदियों और जमीन को प्रदूषित करता है। प्लास्टिक कचरा समुद्री जीवों के लिए भी घातक होता है और मिट्टी की उर्वरता को कम करता है। इसे रोकने के लिए, प्लास्टिक के रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है।दांतों की सफाई के लिए बांस और प्लास्टिक, दोनों तरह के टूथब्रश बाजार में उपलब्ध हैं।
दांतों के लिए कौन सा बेहतर है, यह एक आम सवाल है। दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। बांस के टूथब्रश पर्यावरण के लिए बेहतर होते हैं क्योंकि ये बायोडिग्रेडेबल होते हैं और प्लास्टिक कचरे को कम करते हैं। इनमें नेचुरल एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। वहीं, प्लास्टिक के टूथब्रश सस्ते होते हैं और विभिन्न प्रकार के ब्रिसल्स के साथ उपलब्ध होते हैं। हालांकि, ये पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं और लंबे समय तक टिकते नहीं हैं। दांतों की सफाई के लिए दोनों ही प्रकार के टूथब्रश प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन पर्यावरण के लिहाज से बांस का टूथब्रश एक बेहतर ऑप्शन है।
- बांस के टूथब्रश को हर 2-3 महीने में बदलना चाहिए।
- ब्रश करते समय हल्के हाथों से ब्रश करें।
- ब्रश करने के बाद टूथब्रश को अच्छी तरह से धोकर सूखी जगह पर रखें।
- दांतों के बीच की जगहों को साफ करने के लिए डेंटल फ्लॉस का इस्तेमाल करें।
- मुंह को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से माउथवॉश का यूज करें।