भारत ने पेरिस पैरालिंपिक गेम्स में 26वां मेडल जीत लिया है। मेंस हाई जंप T-64 के फाइनल में शुक्रवार को प्रवीण कुमार ने गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने एशियन रिकॉर्ड बनाते हुए 2.08 मीटर का जंप किया। इस पैरालिंपिक गेम्स में ये भारत का छठा गोल्ड है।
प्रवीण कुमार के सहारे भारत मेडल टैली में 14वें नंबर पर पहुंच गया है। भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक 6 गोल्ड, 9 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। यह इंडिया का पैरालिंपिक में ऑलटाइम बेस्ट परफॉर्मेंस है। इससे पहले टोक्यो पैरालिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने 5 गोल्ड समेत 19 मेडल जीते थे।
मेंस हाई जंप T-64 के फाइनल में प्रवीण ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड जीता। उन्होंने एशियन रिकॉर्ड बनाते हुए 2.08 मीटर का जंप किया। अमेरिका के डेरेक लोक्सिडेंट ने 2.06 मीटर का जंप करते हुए सिल्वर जीता, जबकि उज्बेकिस्तान के तेमुरबेक गियाजोव ने अपना पर्सनल बेस्ट 2.03 मीटर का जंप करके ब्रॉन्ज मेडल जीता।
पैरालिंपिक गेम्स के 9वें दिन भारत 5 फाइनल मुकाबले खेलेगा। पैरा एथलेटिक्स के जेवलिन F-54 इवेंट में दीपेश कुमार आखिरी स्थान पर रहे। उन्होंने 26.11 मीटर दूर जेवलिन फेंका। मेंस हाई जंप T-64 के फाइनल में प्रवीण ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड जीता।
पैरा पावरलिफ्टिंग में विमेंस 67 किग्रा फाइनल में कस्तूरी राजमणि भाग लेंगी। विमेंस जेवलिन थ्रो के F-46 इवेंट में भावनाबेन अजाबाजी चौधरी मेडल जीता सकती है, वहीं मेंस शॉट पुट F57 फाइनल सोमन राणा एक्शन में होंगे।
इससे पहले, गुरुवार देर रात जूडो मेंस J-1 कैटेगरी में कपिल परमार ने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था। उन्होंने ब्राजील के एलिटन डी ओलिविएरा को 33 सेकेंड में ही 10-0 से हरा दिया। कपिल से पहले हरविंदर सिंह और पूजा की मिक्स्ड आर्चरी टीम ब्रॉन्ज मेडल मैच भी हार गई।
भारतीय जूडोका कपिल परमार मेंस 60 kg J1 कैटेगरी के सेमीफाइनल में हार गए। उन्हें ईरान के खोराम बनिताबा ने 10-0 से हराया। बाद में कपिल ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में कम बैक किया।
आर्चरी के मिक्स्ड टीम इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच में हरविंदर सिंह और पूजा की भारतीय जोड़ी को 4-5 की पराजय झेलनी पड़ी। इस मुकाबले के तीसरे सेट तक भारतीय टीम 4-2 की बढ़त पर थी, लेकिन स्लोवेनियाई तीरंदाजों ने आखिरी सेट जीतकर स्कोर 5-4 कर दिया और मेडल अपने नाम किया।
इससे पहले भारतीय जोड़ी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी। उन्हें इटली की नंबर-1 रैंक टीम ने 6-2 से हराया।
विमेंस की टी-12 कैटेगरी में भारत की सिमरन गाइड 100 मीटर रेस में मेडल नहीं जीत सकीं। 4 एथलीट्स की रेस में वे चौथे नंबर पर रहीं। उन्होंने 12.31 सेकेंड में रेस पूरी की। क्यूबा की ओमारा एलियास ने 11.81 सेकेंड में रेस पूरी कर गोल्ड मेडल जीता।
भारत के अशोक 65 किग्रा वेट कैटेगरी की मेंस पावरलिफ्टिंग में छठे नंबर पर रहे। उन्होंने दूसरे प्रयास में 199 किग्रा का बेस्ट वेट उठाया। चीन के यी जोऊ ने 215 किग्रा वजन उठाकर गोल्ड मेडल जीता। ग्रेट ब्रिटेन के मार्क स्वान 213 (किग्रा) को सिल्वर और अल्जीरिया के बेट्टिर होसीन (209 किग्रा) ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।
भारत ने बुधवार को मेंस F-51 कैटेगरी के क्लब थ्रो इवेंट में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते। फिर भी क्लीन स्वीप करने से चूक गया। देर रात धरमबीर सिंह ने 34.92 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ गोल्ड और प्रणव सूरमा ने 34.59 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता। सर्बिया के जेलिको डिमित्रिजेविक ने 34.18 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
क्लब थ्रो इवेंट में भारत क्लीन स्वीप कर तीनों मेडल जीत सकता था, लेकिन अमित कुमार 6 अटेम्प्ट में 4 थ्रो फाउल कर बैठे। उनके 2 थ्रो सही रहे, जिसमें बेस्ट 23.96 मीटर दूर ही जा सका। जिस कारण अमित 10वें नंबर पर रहे। F-51 कैटेगरी में वे एथलीट्स आते हैं, जिनके अंगों में कमी, पैर की लंबाई में अंतर, मांसपेशियों की शक्ति में कमी या गति की सीमा में कमी होती है।
पैरालिंपिक गेम्स में आर्चरी का गोल्ड मेडल जीतने वाले हरविंदर सिंह पहले ही भारतीय बने। हरविंदर मेंस इंडिविजुअल रिकर्व ओपन के रैंकिंग राउंड में 9वें नंबर पर रहे थे। राउंड ऑफ 32 में उन्होंने चीनी ताइपे के लुंग-हुई सेंग को 7-3 से हराया। हरविंदर ने प्री-क्वार्टर फाइनल में सेतियावान को 6-2 से हराया।
हरविंदर ने कोलंबिया के जुलियो हेक्टर रमिरेज के खिलाफ क्वार्टर फाइनल 6-2 से जीता। सेमीफाइल में हरविंदर ने ईरान के मोहम्मद रेजा को 7-3 से हराया। उन्होंने फिर पोलैंड के लुकास सीजेक को 6-0 से फाइनल हराया और गोल्ड मेडल जीत लिया।
PM नरेंद्र मोदी ने X पर हरविंदर को बधाई दी। उन्होंने लिखा- ‘पैरा आर्चरी में स्पेशल गोल्ड। मेंस इंडिविजुअल के रिकर्व ओपन में गोल्ड जीतने पर हरविंदर सिंह को बधाई। उनका फोकस, टारगेट और स्पिरिट कमाल की रही। भारत आपकी जीत से बहुत खुश है।’
पैरालिंपिक के 7वें दिन का पहला मेडल सचिन सरजेराव ने शॉटपुट में दिलाया। उन्होंने 16.32 के एशियन रिकॉर्ड के साथ मेंस F-46 कैटेगरी में सिल्वर जीता। F46 कैटेगिरी उन एथलीट्स के लिए हैं, जिनके हाथ में कमजोरी, कमजोर मसल्स या हाथों के मूवमेंट में कमी होती है।